
Bangladesh Violence : बांग्लादेश में आगामी चुनावों से पहले हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं। देश के कई हिस्सों में हिंसा, अराजकता और आगजनी की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। इस बीच अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बढ़ती हिंसा ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है। ताजा मामला मयमनसिंह जिले के भालुका उपजिला से सामने आया है, जहां एक हिंदू युवक की भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, मृतक पर इस्लाम का अपमान करने का आरोप लगाया गया था। हिंसा की यह घटना गुरुवार रात (18 दिसंबर 2025) भालुका उपजिला के स्क्वायर मास्टरबाड़ी इलाके में स्थित पायनियर निट कम्पोजिट फैक्ट्री में हुई। मृतक की पहचान 30 वर्षीय दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो उसी फैक्ट्री में काम करता था और मयमनसिंह के तारकंडा उपजिला का निवासी था।
बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट बार्टा बाजार के अनुसार, वर्ल्ड अरेबिक लैंग्वेज डे के अवसर पर फैक्ट्री में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दीपू पर इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना के बाद हालात और ज्यादा भयावह
घटना के बाद हालात और ज्यादा भयावह हो गए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भीड़ ने युवक के शव को स्क्वायर मास्टरबाड़ी बस स्टैंड क्षेत्र में ले जाकर एक पेड़ से बांध दिया और नारेबाजी करते हुए उसमें आग लगा दी। इसके बाद शव को ढाका-मैमनसिंह हाईवे पर ले जाकर दोबारा जलाया गया, जिससे सड़क पर यातायात बाधित हो गया और इलाके में दहशत फैल गई। स्थिति को देखते हुए कुछ समय के लिए हाईवे पर ट्रैफिक रोकना पड़ा।
भालुका उपजिला के कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद फिरोज हुसैन ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि पैगंबर के अपमान के आरोप में एक व्यक्ति की हत्या की गई है और मामले की जांच की जा रही है। घटना के बाद क्षेत्र में तनावपूर्ण शांति बनी हुई है।
इस घटना पर बांग्लादेश के पूर्व मंत्री और अवामी लीग के वरिष्ठ नेता मोहम्मद अली अराफात ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में देश तेजी से कट्टरपंथ की ओर बढ़ रहा है और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा गंभीर खतरे में है।
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गौरतलब है कि हाल के महीनों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा की कई घटनाएं सामने आई हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चिंता जताई जा रही है।



