Prayagraj News-कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले में हाईकोर्ट का हस्तक्षेप से इनकार

Prayagraj News- इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोडीन कफ सिरप तस्करी मामले में एफआईआर रद्द करने की मांग में दाखिल नामजद आरोपितों की याचिकाएं खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने विवेचना में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।

सोनभद्र, संत रविदास नगर, बस्ती, गाजियाबाद, कानपुर नगर, जौनपुर व वाराणसी जिले के आरोपितों की कुल 23 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। सोनभद्र में ही 1,19,675 बोतलें बरामद की गई थीं। इसी तरह अन्य जिलों में भी आबकारी विभाग ने बड़ी मात्रा में कोडीन सिरप की बरामदगी की और एफआईआर दर्ज की गई।

विभिन्न जिलों के आरोपितों ने याचिकाओं में एफआईआर को चुनौती दी थी। कोर्ट ने सभी याचिकाएं खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति अचल सचदेव की खंडपीठ ने दिया है।

सोनभद्र के बीरेंद्र लाल वर्मा, बस्ती की खुशबू गोयल सहित अन्य कई जिलों के आरोपित याचियों का कहना था कि मामला ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत आता है, इसलिए इसमें एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती है। एक्ट में परिवाद का प्रावधान है लेकिन पुलिस बीएनएस और एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज कर रही है। राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता अनूप त्रिवेदी व एजीए पारितोष मालवीय ने कहा कि कफ सिरप में कोडीन फास्फेट नामक तत्व मिला है जिसका उपयोग सिर्फ नशे के लिए किया जा रहा है इसलिए मामला एनडीपीएस एक्ट का है। इसके प्रावधानों का याचियों ने उल्लंघन किया और फर्जी फर्म बनाकर सिर्फ कागज़ पर ट्रांजेक्शन दिखाया।

सोनभद्र में सूचना मिलने पर सिरप की बोतलों के दो कंटेनर पकड़े गए, जो गाजियाबाद से झारखंड ले जाए जा रहे थे। पहले ड्राइवर ने कहा कि नमकीन, चिप्स पैकेट हैं। सख्ती बरतने पर बताया कि नमकीन पैकेट के बीच में कोडीन युक्त कफ सिरप है। यह वाहन हिंदुआरी से शक्तिनगर के बीच पकड़ा गया और आबकारी इंस्पेक्टर द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई। इसी तरह अन्य जिलों में भी अब सिरप की बरामदगी के बाद एफआईआर दर्ज की गई है, जिसकी जांच जारी है। कोर्ट ने विवेचना में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी।

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