Lucknow News : ज़ायका और ज़ुबान – साहित्य, कविता और संस्कृति का जीवंत उत्सव

Lucknow News : लखनऊ में आयोजित दो दिवसीय ‘ज़ायका और ज़ुबान’ उत्सव में बैतबाज़ी, कथा रंग, ओपन माइक और मुशायरे के जरिए साहित्य और संस्कृति का भव्य संगम देखने को मिला।

Lucknow News. नवाबी शहर लखनऊ में साहित्य और सांस्कृतिक विरासत को समर्पित दो दिवसीय उत्सव “ज़ायका और ज़ुबान” का समापन रविवार, 14 दिसंबर 2025 को भावपूर्ण और रचनात्मक माहौल में हुआ। दिलकुशा कॉलोनी क्लब में आयोजित इस आयोजन के दूसरे दिन साहित्य, कविता, रंगमंच और सामुदायिक सहभागिता का अद्भुत संगम देखने को मिला।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रो. वासिफ अख्तर और अवध डिग्री कॉलेज के प्रिंसिपल की उपस्थिति रही, जिन्होंने आयोजन को अकादमिक और सांस्कृतिक गरिमा प्रदान की।

उत्सव के दूसरे दिन की शुरुआत बैतबाज़ी प्रतियोगिता से हुई, जिसमें युवाओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी और काव्य प्रतिभा देखने को मिली। प्रतियोगिता में दो टीमों ने हिस्सा लिया, जिसमें लड़कियों की टीम का नेतृत्व प्रसिद्ध कवयित्री परवीन शाकिर और लड़कों की टीम का नेतृत्व कमल हसन ने किया। यह सत्र दर्शकों के लिए ज्ञानवर्धक और मनोरंजक रहा।

कठपुतली शो ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया

इसके बाद प्रस्तुत कठपुतली शो ने दृश्यात्मक कहानी कहने की कला से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दिन का प्रमुख आकर्षण रहा कथा रंग प्रस्तुति ‘अखबारी लोटा’, जिसे सोम गांगुली, अनमोल मिश्रा और चैतन्य श्रीवास्तव ने प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। व्यंग्य और सामाजिक संदेश से भरपूर इस प्रस्तुति ने दर्शकों को बचपन की यादों में लौटा दिया।

ओपन माइक और कविता सत्र का संचालन प्रसिद्ध कवि हसन काज़मी ने किया। इस सत्र में सोम गांगुली, फैज़ान खान, हसन काज़मी और पद्मा गिडवानी सहित कई रचनाकारों ने अपनी कविताएं प्रस्तुत कीं, जबकि श्रोताओं ने भी उत्साहपूर्वक सहभागिता की।

शाम का समापन एक भावनात्मक मुशायरे के साथ हुआ, जिसमें हसन काज़मी, तबरेज़ राना, नय्यर उमर, प्रो. बलवंत सिंह, साजिदा सबा और सैयद अहमद फ़राज़ सहित कई शायरों ने अपने कलाम पेश किए।

इस आयोजन का सफल आयोजन ओसामा तलहा सोसाइटी द्वारा किया गया। “वार्म जेस्चर” पहल के तहत प्रवेश शुल्क के रूप में कपड़े एकत्र कर सामाजिक संदेश भी दिया गया। कुल मिलाकर, ज़ायका और ज़ुबान ने लखनऊ को साहित्य, भाषा और सांस्कृतिक मूल्यों के शहर के रूप में एक बार फिर स्थापित किया।

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