
एनसीएल दूधिचुआ के वे ब्रिज से सम्बन्धी अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
क्या सेल्स विभाग भी इस खेल में शामिल है उनपे भी जांच की आंच आ सकती है?
संजय द्विवेदी यूनाइटेड भारत सोनभद्र
अनपरा।एनसीएल दुद्धीचुआ खदान में लगे वे ब्रिज पर कोयला तौल में हेराफेरी कर करोड़ो रूपये के राजस्व पर चुना लगाने का मामला सामने आया है।बताते चले कि एनसीएल प्रबन्धक दूधिचुआ ई एण्ड एम अभय कुमार चौधरी ने परियोजना में लगे वे ब्रिज-3 के ब्रेक डाउन के दौरान अनुरक्षण करा रही फर्म वेट ट्रेक इंडिया लिमिटेड के दो संदिग्ध सेवा इंजीनयर्स सर्वनकुमार वैश्य और शांतवन कुमार साह को कोयला तौल प्रभावित करने के मामले को संज्ञान में लिया और एक चिप और एक रिमोट के साथ पकड़ा तो मामला उजागर हुआ।। कोयला परियोजनाओं में लगे वे ब्रिज की भी जांच शुरू कराने के लिये शीर्ष प्रबंधन को तत्काल अवगत कराया। प्रबन्धक ने तत्काल उच्चअधिकारियों को सूचित किया और उनके निर्देश पर शक्तिनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। अपनी शिकायत में अभय कुमार चौधरी ने पूछताछ के दौरान चिप आदि लगाकर कांटे से छेड़-छाड़ के इस रैकेट में पकड़े गये आरोपितों ने फर्म के क्षेत्रीय प्रबन्धक प्रदीप सोनी का भी नाम लिया है। फर्म एनसीएल की सभी कोयला खदानों में लगे तौल कांटों के वार्षिक अनुरक्षण का काम24 मई 2024 से ही कर रही है जिससे इस घटना के बाद एनसीएल शीर्ष प्रबन्धन में हड़कम्प मच गया है। एनसीएल प्रबन्धन का कहना है कि सभी कांटों की गहन जांच करायी जा रही है। एनसीएल के वे ब्रिज पर तैनात एवं सेल्स विभाग के कर्मियों की भी सांठ-गांठ भी जांच के दायरे में है। सम्भावना जतायी जा रही है कि मामला तूल पकड़ सकता है।गौरतलब है कि क्या एनसीएल प्रबंधन सिर्फ एफआईआर करा कर जांच को बंद कर देगी या वेट ब्रिज से तालुकात रखने वाले अधिकारियों पर भी गाज गिरेगी।थाना प्रभारी राम दरश राम बताया कि प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज का कानूनी कार्यवाही की जा रही है।



