New Delhi News-आतंकवाद के खिलाफ क्वाड के संकल्प से बढ़ेगी ‘आतंकिस्तान’ की मुश्किलें

New Delhi News-भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साझा मंच क्वाड ने आतंकवाद के खिलाफ अपने रुख को और मजबूत किया है। चारों देशों ने हाल ही में हुई आतंकवाद-विरोधी कार्य समूह की बैठक में स्पष्ट संदेश दिया कि वैश्विक स्तर पर आतंक के हर रूप के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई अब समय की मांग है। यह सख्त रुख भारत के पड़ोसी देश—जिसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अक्सर आतंक का गढ़ या आतंकिस्तान कहा जाता है—के लिए नई चुनौती साबित हो सकता है।

बैठक में नवंबर 2025 में लाल किले के पास हुए आतंकी हमले के दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की जोरदार मांग की गई। साथ ही संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों से आग्रह किया गया कि वे आतंकवादियों को पनाह देने या उनका संरक्षण करने वाले तंत्र के विरुद्ध ठोस कदम उठाएं। क्वाड देशों ने सीमा पार से प्रायोजित आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया।

भारत–अमेरिका के बीच संयुक्त बैठक में भी सख्त संदेश

विदेश मंत्रालय के अनुसार क्वाड बैठक से पहले भारत और अमेरिका ने अपनी 21वीं संयुक्त कार्य समूह (JWG) की बैठक और सातवीं नामित वार्ता आयोजित की। दोनों देशों ने—

  • 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले

  • और 10 नवंबर 2025 को लाल किले के पास हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि जिम्मेदार लोगों को हर हाल में जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

दोनों देशों ने यह भी चेतावनी दी कि आतंकवादी संगठन ड्रोन और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी नई तकनीकों का तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं, जिस पर तत्काल वैश्विक निगरानी और कार्रवाई की ज़रूरत है।

आईएसआईएस, अल-कायदा, लश्कर और जैश के खिलाफ कड़ा रुख

भारत और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र से आग्रह किया कि वह—

  • आईएसआईएस

  • अल-कायदा

  • लश्कर-ए-तैयबा

  • जैश-ए-मोहम्मद

  • और इनके प्रायोजकों

के खिलाफ और कठोर कदम उठाए।

इन संगठनों की कई गतिविधियों की जड़ें हमारे पड़ोसी देश में पाई जाती रही हैं, जिसके कारण क्वाड देशों की यह एकजुटता उसके लिए भविष्य में बड़े पैमाने पर आतंक को समर्थन देना मुश्किल बना सकती है।

आतंकी फंडिंग के खिलाफ साझा रणनीति

क्वाड देशों ने आतंकवादी वित्तपोषण पर नकेल कसने की रणनीतियों पर भी विचार किया। बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि आतंकवाद किसी भी रूप में स्वीकार्य नहीं है और इंडो-पैसिफ़िक क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सामूहिक कार्रवाई ही एकमात्र मार्ग है।

विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक स्तर पर बढ़ती इस एकजुटता से “आतंकिस्तान” में फैले आतंकी नेटवर्क पर दबाव बढ़ रहा है और उसकी जड़ें धीरे-धीरे कमजोर होने के संकेत मिलने लगे हैं।

क्वाड की HADR मीटिंग भी आयोजित

विदेश मंत्रालय ने बताया कि इसी क्रम में अमेरिका ने क्वाड की चौथी सालाना ह्यूमैनिटेरियन असिस्टेंस एंड डिजास्टर रिस्पॉन्स (HADR) टेबलटॉप एक्सरसाइज आयोजित की। इस दौरान आपदाओं के समय त्वरित सहयोग और प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत बनाने पर जोर दिया गया।


रिपोर्ट: शाश्वत तिवारी

New Delhi News-Read Also-गोवा फायर कांड : क्लब मालिक सौरभ-गौरव लूथरा इंडिगो फ्लाइट से फुकेट फरार, इंटरपोल की मदद लेगी पुलिस

Show More

Related Articles

Back to top button