
नई दिल्ली। नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने क्लास 7 सोशल साइंस की नई टेक्स्टबुक में बड़े पैमाने पर बदलाव किए हैं। वर्ष 2026–27 के सिलेबस के लिए तैयार की गई इस किताब में मध्यकालीन इतिहास के कई महत्वपूर्ण अध्यायों को पूरी तरह नए रूप में प्रस्तुत किया गया है। सबसे अहम बदलाव महमूद गजनवी और उसके 17 आक्रमणों के विस्तृत वर्णन को शामिल करना है, जो पहले सिर्फ एक छोटे पैराग्राफ तक सीमित था।
गजनवी के 17 हमलों की पूरी सूची अब किताब में
नई किताब में “The Ghaznavi Invasions” नाम से एक छह पेज का नया सेक्शन जोड़ा गया है। इसमें महमूद गजनवी द्वारा भारतीय उपमहाद्वीप पर किए गए 17 हमलों की क्रमवार सूची, कारण और प्रभाव का विस्तृत विवरण दिया गया है।
इस सेक्शन में शामिल मुख्य बिंदु:
- मथुरा और कन्नौज के मंदिरों पर हमले
- गुजरात के सोमनाथ मंदिर में विध्वंस और शिवलिंग हटाने की घटना
- क्यों और कैसे गजनवी ने भारतीय साम्राज्यों को निशाना बनाया
पहले के संस्करणों में इन घटनाओं का सिर्फ सतही उल्लेख था, लेकिन अब छात्रों को विस्तार से ऐतिहासिक संदर्भ उपलब्ध कराया गया है।
सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण की भी पूरी कहानी
नई किताब में सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण को भी शामिल किया गया है। इसमें बताया गया है कि पुनर्निर्माण कब हुआ, किन लोगों ने इसका नेतृत्व किया और पूरा खर्च जनता के दान से क्यों उठाया गया। किताब में इससे जुड़े प्रश्न भी दिए गए हैं, ताकि छात्र इतिहास की घटनाओं को गहराई से समझ सकें।
गजनवी के हमलों की क्रूरता पर विस्तृत विवरण
किताब में गजनवी के हमलों के दौरान की हिंसा, आम लोगों की हत्या, कैदियों को गुलाम बनाने और बच्चों को मध्य एशिया के बाजारों में बेचने जैसी घटनाओं को ऐतिहासिक स्रोतों के आधार पर शामिल किया गया है।
अल-उतबी और अल-बिरूनी जैसे स्रोतों के हवाले से यह भी बताया गया है कि गजनवी ने हिंदू, बौद्ध, जैन समुदायों के साथ-साथ कई इस्लामी समूहों को भी निशाना बनाया।
इतिहास को संतुलित दृष्टि से समझने की सलाह
इस अध्याय की शुरुआत में एक महत्वपूर्ण चेतावनी बॉक्स जोड़ा गया है, जिसमें कहा गया है कि इतिहास में अक्सर युद्ध और संघर्षों का अधिक वर्णन मिलता है, जबकि शांतिपूर्ण समय और सांस्कृतिक उपलब्धियों को कम स्थान दिया जाता है। यह संदेश छात्रों को संतुलित दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।
गौरी, एबक और खिलजी पर भी नया विस्तृत कंटेंट
Turning Tides: 11th and 12th Centuries नाम के अध्याय में अब मुहम्मद गौरी, कुतुब-उद-दीन एबक और बख्तियार खिलजी के अभियानों पर पहले से कहीं अधिक विस्तृत विवरण जोड़ा गया है।
नालंदा और विक्रमशिला विध्वंस का विस्तार से उल्लेख
नई किताब में नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों के विनाश को भी विस्तार से शामिल किया गया है। इसमें बताया गया है कि कैसे हजारों भिक्षुओं की हत्या की गई, विशाल लाइब्रेरी कई महीनों तक जलती रहीं, इसका भारतीय बौद्ध धर्म पर क्या प्रभाव पड़ा है। यह हिस्सा पहले की किताबों में लगभग अनुपस्थित था।
सिंध का इतिहास और अरब आक्रमण भी शामिल
6वीं–10वीं सदी पर आधारित अध्याय में हूणों के हमलों, अरब आक्रमण, मुहम्मद बिन कासिम के सिंध अभियान जैसी ऐतिहासिक घटनाओं को नए स्रोतों और विस्तार के साथ समझाया गया है। किताब में ‘काफिर’ जैसे ऐतिहासिक शब्दों का संदर्भ देकर छात्रों को गलतफहमी से बचाने की कोशिश की गई है।
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