
Uttar-South Cultural Unity – काशी तमिल संगमम् कार्यक्रम के प्रथम दल के लगभग 200 सदस्यों का गुरुवार को प्रयागराज आगमन पर नगर निगम की ओर से भव्य स्वागत किया गया। महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी और नगर मजिस्ट्रेट विनोद कुमार सिंह ने तिलक एवं माल्यार्पण कर अतिथियों का अभिनंदन किया।
स्वागत समारोह में जगत तारन गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किए, जबकि शिवांक द्विवेदी और उनकी टीम ने भजन प्रस्तुति से माहौल को भक्तिमय बना दिया। संगमम् टीम को गंगाजल भेंट किया गया और टीम लीडर को स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।
क्षेत्रीय अभिलेखागार एवं राजकीय पांडुलिपि पुस्तकालय की ओर से अभिलेख एवं पांडुलिपियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें कागज़ और ताड़पत्र पर लिखे प्राचीन ग्रंथ विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने कहा कि यह यात्रा प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का परिणाम है, जिसके माध्यम से दक्षिण भारत के भाई-बहन उत्तर भारत की साझा संस्कृति, परंपराओं और मान्यताओं का अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने इसे उत्तर और दक्षिण भारत की सांस्कृतिक एकता का सशक्त प्रतीक बताया। महापौर ने कहा कि काशी तमिल संगमम् यात्रा जाति, भाषा और क्षेत्रवाद जैसी सामाजिक बाधाओं को समाप्त करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रथम दल के सदस्यों को सुसज्जित नावों द्वारा वीआईपी घाट से संगम ले जाया गया, जहां उन्होंने गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम का दर्शन और स्नान किया। संगम क्षेत्र की मनोहारी दृश्यावली ने आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने वीआईपी घाट पर बनाए गए सैंड आर्ट का भी अवलोकन किया।
संगम दर्शन के बाद टीम ने लेटे हनुमान जी के मंदिर, शंकर विमान मण्डपम और स्वामीनारायण मंदिर का दर्शन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रभाकर त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर पांडुलिपि अधिकारी गुलाम सरवर सहित कई अधिकारी और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक उपस्थित रहे।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज



