Sanchar Saathi App: सरकार ने किया अनिवार्य, जानें क्या है यह टूल और कैसे करेगा आपकी सुरक्षा

Sanchar Saathi App: दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए संचार साथी मोबाइल ऐप को भारत में बिकने वाले सभी मोबाइल फ़ोन में प्री-इंस्टॉल होना अनिवार्य कर दिया है। यह फैसला दूरसंचार क्षेत्र में बढ़ते साइबर अपराधों और धोखाधड़ी को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है। फ़ोन निर्माताओं और आयातकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि नया फ़ोन चालू करते ही यह ऐप उपयोगकर्ता को दिखे और इसे किसी भी तरह से छुपाया न जा सके। पुराने फ़ोन में यह ऐप सॉफ्टवेयर अपडेट के ज़रिए उपलब्ध कराया जाएगा।

संचार साथी ऐप और इसका उद्देश्य क्या है ?

  • परिचय: संचार साथी ऐप दूरसंचार विभाग द्वारा विकसित एक साइबर सिक्योरिटी टूल है। यह ऐप 2023 में एक वेब पोर्टल के रूप में शुरू हुआ था और बाद में जनवरी 2025 में इसे मोबाइल ऐप (एंड्रॉइड और iOS दोनों पर मुफ्त उपलब्ध) के रूप में लॉन्च किया गया।

  • मुख्य उद्देश्य: नागरिकों को उनके मोबाइल नंबर और डिवाइस से जुड़ी सुरक्षा, पहचान की सुरक्षा और डिजिटल ठगी से बचाना है।

  • आधारभूत प्रणाली: यह ऐप सीधे सरकार की टेलीकॉम सुरक्षा प्रणाली CEIR (Central Equipment Identity Register) से जुड़ा हुआ है। CEIR वह केंद्रीय डेटाबेस है जहाँ देश के हर मोबाइल फोन का IMEI नंबर दर्ज होता है।

संचार साथी ऐप कैसे काम करता है?

यह ऐप आपके मोबाइल नंबर, नेटवर्क और सबसे महत्वपूर्ण, IMEI नंबर का उपयोग करके सुरक्षा सुनिश्चित करता है।

  1. पहचान: ऐप खोलने पर यह आपका मोबाइल नंबर मांगता है।

  2. सत्यापन: OTP के माध्यम से आपका फ़ोन ऐप से जुड़ जाता है।

  3. जाँच: ऐप आपके फ़ोन के IMEI नंबर को पहचानता है और इसे DoT की CEIR प्रणाली से मिलाता है।

  4. स्थिति रिपोर्ट: यह जाँच की जाती है कि फ़ोन वैध है या कहीं चोरी/ब्लैकलिस्ट में दर्ज तो नहीं है।

आम मोबाइल यूज़र को कितना फ़ायदा? (मुख्य सुविधाएँ)

संचार साथी ऐप एक ही जगह पर कई सुरक्षा और समाधान प्रदान करता है, जिसका सीधा लाभ यूज़र को मिलता है:

सुविधा विवरण आम यूज़र को फ़ायदा
चोरी/खोया फ़ोन ब्लॉक चोरी या खो जाने पर फ़ोन को तुरंत ब्लॉक करने और उसे ट्रैक करने में मदद करता है। फोन वापस मिलने की संभावना बढ़ती है (7 लाख से ज़्यादा फोन अब तक वापस मिल चुके)।
फ़र्ज़ी कनेक्शन आपके नाम पर चल रही SIM की संख्या बताता है। फ़र्ज़ी/अनाधिकृत SIM कनेक्शन का पता लगाकर उन्हें कटवा सकते हैं (3 करोड़ से ज़्यादा फ़र्ज़ी कनेक्शन कट चुके)।
IMEI जाँच किसी भी मोबाइल के IMEI नंबर को डालकर यह जाँच सकते हैं कि फ़ोन असली, चोरी का, या ब्लैकलिस्ट है। सेकंड हैंड फ़ोन खरीदते समय धोखाधड़ी से बचाव।
धोखाधड़ी की शिकायत धोखाधड़ी वाले कॉल (जैसे बैंक अधिकारी बनकर OTP मांगना, लॉटरी झांसा) की शिकायत सीधे दर्ज करा सकते हैं। साइबर ठगी में शामिल फ़र्ज़ी नंबरों पर लगाम लगती है।
सुरक्षित नंबर प्रमुख बैंकों और संस्थानों के वैध और सुरक्षित नंबर दिखाता है। यूज़र को गलत/फ़र्ज़ी नंबर पर कॉल करने से रोकता है।

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ऐप अनिवार्य करने का सरकार का मकसद

सरकार ने इस ऐप को अनिवार्य करने का फैसला साइबर सुरक्षा को मजबूत करने और डिजिटल अपराधों पर लगाम लगाने के लिए लिया है:

  • साइबर फ्रॉड रोकना: टेलीकॉम नेटवर्क का दुरुपयोग और ऑनलाइन धोखाधड़ी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करना।

  • चोरी/स्मगलिंग पर लगाम: चोरी हुए और ब्लैकलिस्ट किए गए डिवाइस को सक्रिय होने से रोकना। (अब तक 37 लाख से ज़्यादा चोरी के डिवाइस ब्लॉक किए गए हैं)।

  • नागरिक सुरक्षा और जागरूकता: यूज़र्स को अपने डिवाइस और पहचान पर पूरा नियंत्रण और सुरक्षा देना।

संचार साथी ऐप ने लॉन्च के बाद से ही शानदार परिणाम दिए हैं, जिसे 5 करोड़ से ज़्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है और जिसने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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