
नई दिल्ली। चक्रवाती तूफ़ानों ‘सेन्यार’ और ‘दित्वाह’ ने दक्षिणपूर्व एशिया में भीषण तबाही मचाई है। श्रीलंका, इंडोनेशिया, वियतनाम, थाईलैंड और मलेशिया में व्यापक बाढ़ और भूस्खलनों से लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। कई क्षेत्रों में यह हाल के वर्षों की सबसे विनाशकारी आपदा बताई जा रही है।
श्रीलंका: 56 मौतें, 21 लापता
भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में ‘दित्वाह’ के चलते भारी तबाही हुई है। लगातार मूसलाधार बारिश और भूस्खलनों से अब तक 56 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 21 लोग लापता हैं।
बादुल्ला ज़िले के चाय बागान क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुए, कई मकान मलबे में दब गए। अनेक प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया गया, रेलवे ने आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी ट्रेनें रद्द कीं। केलानी नदी के निचले इलाकों, जिनमें कोलंबो भी शामिल के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है।
सरकार ने बचाव अभियान के लिए सेना, हेलिकॉप्टर और विशेष दलों को लगाया है। खतरे को देखते हुए ए-लेवल परीक्षाएं भी स्थगित कर दी गई हैं।
भारत ने शुरू किया ‘ऑपरेशन सागर बंधु’
श्रीलंका में संकट गहराने पर भारत ने तुरंत मानवीय सहायता भेजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर संवेदना जताते हुए बताया कि भारत ने ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ के तहत राहत सामग्री रवाना की है और आवश्यकता पड़ने पर और मदद भेजी जाएगी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि आईएनएस विक्रांत, आईएनएस उदयगिरी, दोनों जहाज़ कोलंबो में पहला राहत काफिला सौंप चुके हैं।
इंडोनेशिया: 90 मौतें, कई लापता
उत्तरी सुमात्रा में आई विनाशकारी बाढ़ से कम से कम 90 लोगों की मौत हुई है। कई इलाकों में सड़कें कट गईं, बिजली व्यवस्था ठप, घर पूरी तरह जलमग्न और भूस्खलनों से राहत कार्य बाधित हो रहा है।
थाईलैंड, वियतनाम और मलेशिया में भी भारी तबाही
थाईलैंड – दक्षिणी हिस्सों में अब तक 145 लोगों की मौत हो चुकी है। स्थिति इतनी गंभीर कि साउथ ईस्ट एशियन गेम्स के 11 इवेंट बैंकॉक स्थानांतरित किए गए।
वियतनाम – अब तक 98 मौतों की पुष्टि।
मलेशिया – 19,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है।
भारत में भी भारी बारिश की चेतावनी
IMD के अनुसार ‘दित्वाह’ तूफ़ान तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तट के करीब आ सकता है।
29 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच रायलसीमा, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जब ‘सेन्यार’ कमजोर हुआ उसी समय बंगाल की खाड़ी में बना लो-प्रेशर तेज़ी से विकसित होकर ‘दित्वाह’ में बदल गया, जिसने कई देशों में व्यापक विनाश किया।
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