Pratapgarh labor Demonstration – प्रतापगढ़ में श्रम संहिताओं के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन, राष्ट्रपति को भेजा गया ज्ञापन

28 नवंबर 2025 को प्रतापगढ़ में जिला ट्रेड यूनियन काउंसिल के बैनर तले विभिन्न श्रम संगठनों ने भारत सरकार द्वारा चार श्रम संहिताओं के लागू किए जाने के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय पर एकत्र होकर महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को संबोधित ज्ञापन डीएम के माध्यम से सौंपा।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नई श्रम संहिताएं श्रमिक हितों के खिलाफ हैं तथा इससे उनके अधिकारों में कमी आएगी। यूनियन ने मांग की कि चारों श्रम संहिताओं को तत्काल वापस लिया जाए, पुराने श्रम कानूनों को प्रभावी रूप से लागू किया जाए, 12 घंटे की शिफ्ट जैसे प्रावधान श्रमिकों के शोषण को बढ़ाते हैं और यूनियन मान्यता के लिए 51 प्रतिशत सदस्यता का नियम मजदूर संगठनों की शक्ति घटाता है। यूनियन ने कहा कि किसी भी कानून को लागू करने से पहले श्रमिक संगठनों से व्यापक चर्चा अनिवार्य है।

ज्ञापन में 13 प्रमुख मांगें शामिल थीं, जिनमें संविदा और आउटसोर्सिंग को समाप्त करना, सभी विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्तियाँ, घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट मुफ्त बिजली, पुरानी पेंशन योजना बहाल करना, सरकारी संस्थानों के निजीकरण पर रोक, न्यूनतम मजदूरी 26000 रुपये करना और सभी श्रमिकों के लिए 10000 रुपये की पेंशन देना प्रमुख हैं।

यूनियनों ने यह भी बताया कि पिछले एक दशक से राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन आयोजित नहीं किया गया है, जबकि यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का आवश्यक हिस्सा है।

ज्ञापन सौंपने वालों में हेमंत नंदन ओझा, एन मिश्रा, वीपी त्रिपाठी, कमलेश तिवारी, ओमप्रकाश सिंह, अमरनाथ यादव, महेश सरोज सहित कई श्रमिक नेता शामिल रहे। किसान सभा ने भी इस आंदोलन का समर्थन किया।

रिपोर्ट: उमेश पांडेय, जिला संवाददाता
यूनाइटेड भारत, प्रतापगढ़

 

 

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