
Weather Update : दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना नया चक्रवाती तूफान ‘डिटवाह’ तेजी से उत्तर–उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है और इसके 30 नवंबर की शुरुआत तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों पर पहुंचने* की संभावना है। यह सिस्टम वर्तमान में पोट्टुविल (श्रीलंका) के पास बना हुआ है, जो चेन्नई से लगभग 700 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पूर्व (SSE) में स्थित है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी की है।
IMD ने अपने लेटेस्ट अपडेट में बताया कि साइक्लोन डिटवाह के केंद्र का स्थान 6.9°N और 81.9°E के आसपास है, जो बट्टिकलोआ से लगभग 90 किलोमीटर SSE की दूरी पर है। यमन द्वारा सुझाए गए नाम के अनुसार इस तूफान को आधिकारिक तौर पर ‘डिटवाह’ कहा गया है। तमिलनाडु के चेन्नई, नागापट्टिनम, तिरुवल्लूर, तंजावुर सहित कई जिलों में 27, 28 और 29 नवंबर के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किए गए हैं।
मलक्का स्ट्रेट में ‘सबसे रेयर’ साइक्लोन सेन्यार
इस बीच मलक्का स्ट्रेट के ऊपर बना चक्रवाती तूफान ‘सेन्यार’, जो इंडोनेशिया के सुमात्रा और मलेशिया के बीच स्थित संकरे जलमार्ग पर बना था, अब भारतीय क्षेत्र से दूर हट गया है और कमजोर पड़ने लगा है। IMD के अनुसार यह तूफान कार निकोबार द्वीप से 850 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित था और इसके एक डिप्रेशन में बदलने की संभावना है।
मलेशियाई मौसम विभाग (MetMalaysia) के अनुसार, यह अत्यंत दुर्लभ प्रकार का साइक्लोन माना जा रहा है क्योंकि मलक्का स्ट्रेट में इस तरह का शक्तिशाली चक्रवाती तूफान लगभग पहली बार दर्ज किया गया है। इससे पहले 2017 में एक ट्रॉपिकल डिप्रेशन आया था, लेकिन ट्रॉपिकल स्टॉर्म की तीव्रता तक पहुंचने वाला कोई सिस्टम यहां रिकॉर्ड नहीं हुआ था।
MetMalaysia के अनुसार, सेन्यार वर्तमान में 4.5°N और 97.9°E पर दिखाई पड़ रहा है और 9 किमी/घंटा की रफ्तार से पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है। इसकी अधिकतम हवा की रफ्तार 83 किमी/घंटा तक पहुंची है और यह जॉर्ज टाउन (पेनांग) से लगभग 284 किमी दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। उत्तरी मलेशिया के कई इलाकों में भारी बारिश, तेज़ हवाओं और समुद्री उथल-पुथल के आसार हैं।
यह भी पढ़़ें – SIR सिस्टम का अत्याचार : कर्मचारियों की लगातार हो रही मौतों पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय का हमला
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कई मौसम विशेषज्ञों ने इसे “रेयरेस्ट ऑफ रेयर” साइक्लोन बताया है। कुछ विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि यह संभवतः मलक्का स्ट्रेट में दर्ज होने वाला पहला ट्रॉपिकल साइक्लोन बन सकता है, जबकि व्यापक क्षेत्र में यह 2001 के टाइफून ‘वामेई’ के बाद दूसरा ऐसा सिस्टम हो सकता है।



