बड़ौत में स्किल इंडिया सेंटर का उद्घाटन, ग्रामीण युवाओं को मिलेगा एआई-सक्षम प्रशिक्षण

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव और राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने बड़ौत (बागपत) में स्किल इंडिया सेंटर का उद्घाटन किया। NSDC और रेडिंग्टन फाउंडेशन के सहयोग से स्थापित यह सेंटर 600 ग्रामीण युवाओं और महिलाओं को एआई-सक्षम स्किलिंग प्रदान करेगा।

गोरखपुर/बागपत। ग्रामीण युवाओं को अत्याधुनिक तकनीकों से लैस करने की दिशा में भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए बागपत के बड़ौत स्थित चौधरी केहर सिंह दिव्या पब्लिक स्कूल में स्किल इंडिया सेंटर (SIC) का शुभारंभ किया। इसका उद्घाटन केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव तथा कौशल विकास एवं उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने संयुक्त रूप से किया।

यह सेंटर नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NSDC) और रेडिंग्टन फाउंडेशन के सहयोग से स्थापित किया गया है। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों, विशेषकर बड़ौत और छपरौली ब्लॉकों के लगभग 600 युवाओं और महिलाओं को एआई-सक्षम, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी-आईटीईएस आधारित प्रशिक्षण प्रदान करना है।

केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह पहल ग्रामीण भारत में कौशल की पहुंच को मजबूत बनाएगी। उन्होंने कहा कि एआई-इनेबल्ड स्किलिंग ग्रामीण भारत में सामाजिक परिवर्तन का प्रमुख माध्यम बनेगी। यह सेंटर भारत के बढ़ते डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम को समर्थ कार्यबल उपलब्ध कराएगा। उन्होंने बताया कि एआई-सहायता प्राप्त लर्निंग टूल्स से ग्रामीण युवा नए और प्रासंगिक जॉब रोल्स के लिए तैयार हो सकेंगे।

सेंटर के उद्घाटन के दौरान राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि कौशल विकास केवल रोजगार नहीं देता, यह गरिमा, प्रगति, मोबिलिटी और आत्मविश्वास का आधार है। बड़ौत का यह सेंटर ग्रामीण युवाओं के लिए नए अवसरों का गेटवे बनेगा।

दोनों मंत्रियों ने प्रशिक्षण लैबों का निरीक्षण किया और प्रशिक्षुओं से बातचीत करते हुए उन्हें उभरते क्षेत्रों में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।

एनएसडीसी और रेडिंग्टन फाउंडेशन की चल रही साझेदारी के तहत अब तक बागपत के 72 प्रशिक्षुओं को प्रतिष्ठित संस्थानों में सफल प्लेसमेंट भी मिला है, जो इस मॉडल की प्रभावशीलता को दर्शाता है।

स्किल इंडिया सेंटर की स्थापना से उत्तर प्रदेश में एक समावेशी स्किलिंग इकोसिस्टम के निर्माण को और गति मिलेगी, जिससे ग्रामीण युवाओं को उद्योग आधारित कौशल हासिल करने और आर्थिक आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा।

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