इथियोपिया में ज्वालामुखी विस्फोट की राख का बादल, भारत पर हो सकता है ये बड़ा असर

Ethiopia Volcano :  इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी की राख भारत की ओर बढ़ रही है। गुजरात, राजस्थान और दिल्ली-NCR में असर की आशंका, कई उड़ानों का रूट बदला गया।

Ethiopia Volcano : इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी में हजारों साल बाद आए विस्फोट की राख का विशाल बादल अब भारत की ओर बढ़ रहा है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह गुबार सोमवार रात तक उत्तर-पश्चिम भारत के हिस्सों में पहुंच सकता है, जिससे विशेष रूप से हवाई यातायात पर प्रभाव पड़ने की संभावना है।

फ्लाइट ऑपरेशन पर पड़ा असर

मामले से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि राख का बादल भारतीय वायु क्षेत्र की ओर बढ़ने लगा है और इसका असर कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर दिखने लगा है। सोमवार दोपहर से ही कई एयरलाइंस ने उड़ानें रद्द और रूट डाइवर्ट करना शुरू कर दिया। मुंबई एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने बताया कि प्रभावित इलाके से बचने के लिए कई उड़ानों को पाकिस्तान के एयरस्पेस से होकर भेजा जा रहा है।

एक अन्य अधिकारी के अनुसार, आज असर कम है, लेकिन मंगलवार को स्थिति बिगड़ सकती है। यदि राख दिल्ली और जयपुर तक पहुंचती है, तो भारतीय एविएशन पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।

किन राज्यों पर पड़ेगा असर?

विशेषज्ञों के अनुसार, राख का यह गुबार अगले कुछ घंटों में गुजरात, राजस्थान, दिल्ली–NCR, पंजाब की ओर बढ़ेगा। यह गुबार धरती से 10–15 किमी ऊंचाई पर है और इसमें ज्वालामुखीय राख, सल्फर डाइऑक्साइड और सूक्ष्म चट्टानी कण मौजूद हैं।

IMD का बयान : सतह पर असर मामूली

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के महानिदेशक एम. मोहपात्रा ने बताया कि राख का अधिकतर हिस्सा ऊपरी स्तर पर है। आम लोगों को सतह के पास ज्यादा प्रभाव नहीं दिखेगा। आसमान थोड़ा धुंधला, बादलों जैसा दिखाई देगा। न्यूनतम तापमान में थोड़ी बढ़ोतरी संभव है।

मोहपात्रा के अनुसार, हवा की गुणवत्ता पर बड़ा असर पड़ेगा या नहीं, यह अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन संभावना कम है क्योंकि राख बहुत ऊंचे स्तर पर है।

NCR में पहले ही AQI बिगड़ा

इधर, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में प्रदूषण पहले से ही खतरनाक स्तर पर है। सोमवार शाम 4 बजे दर्ज AQI –

दिल्ली – 382 (गंभीर)
गाजियाबाद – 396 (बहुत खराब)
नोएडा – 397 (बहुत खराब)
ग्रेटर नोएडा – 382 (बहुत खराब)
फरीदाबाद – 232 (खराब)

विशेषज्ञों का कहना है कि ज्वालामुखी की राख का गुबार यदि कुछ घंटों तक टिका रहा, तो प्रदूषण स्तर और बढ़ सकता है।

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