
Ayodhya News : अयोध्या तेजी से देश और दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक पर्यटन केंद्र बनता जा रहा है। श्रीराम मंदिर के निर्माण और हाल ही में प्रस्तावित ध्वजारोहण कार्यक्रम के बाद पर्यटकों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की जा रही है। भगवान सूर्यदेव की छवि से अलंकृत यह ध्वज आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और प्राचीन भारतीय गौरव का प्रतीक माना जा रहा है, जिसकी झलक देखने के लिए विश्वभर से तीर्थयात्री अयोध्या आने की तैयारी कर रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस आयोजन के बाद पर्यटन में नई तेजी आएगी, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को व्यापक लाभ मिलेगा।
जनवरी से जून 2025 के बीच लगभग 23 करोड़ तीर्थयात्री रामनगरी पहुंचे थे। यह आंकड़ा दिसंबर 2025 तक 50 करोड़ के पार जाने की उम्मीद है। अनुमान है कि आने वाले वर्षों में अयोध्या का पर्यटन क्षेत्र 4 लाख करोड़ रुपये तक का उद्योग बन सकता है, जो उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बड़ी गति देगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्ष 2029 तक उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने के लक्ष्य पर काम कर रहे हैं। इस व्यापक रोडमैप में अयोध्या की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। फिलहाल अयोध्या राज्य की जीएसडीपी में लगभग 1.5 प्रतिशत योगदान दे रहा है। लगातार बढ़ते पर्यटन के कारण आने वाले वर्षों में यह हिस्सेदारी उल्लेखनीय रूप से बढ़ने की संभावना है।
पर्यटन में उछाल
श्रीराम मंदिर के निर्माण और उससे जुड़े विकास कार्यों पर अब तक लगभग 2,150 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। इसके बाद से अयोध्या में होटल, रेस्टोरेंट, दुकानें, टूर एंड ट्रैवल्स, पूजा सामग्री और प्रसाद से जुड़ा व्यवसाय रिकॉर्डतोड़ वृद्धि दर्ज कर रहा है। पर्यटन में उछाल को देखते हुए शहर में 76 से अधिक नए होटल खुल चुके हैं, जबकि आईएचसीएल, मैरियट, रैडीशन, कामट और लेमन ट्री जैसी होटल कंपनियाँ बड़े निवेश के साथ तेजी से विस्तार कर रही हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 2028 तक उत्तर प्रदेश का पर्यटन क्षेत्र 70,000 करोड़ रुपये का उद्योग बन जाएगा, जिसमें अकेले अयोध्या का योगदान लगभग 25 प्रतिशत रहने का अनुमान है। तीर्थयात्रा से जुड़े उद्योगों का वार्षिक कारोबार भी लगातार बढ़ रहा है। अनुमान है कि मंदिर और उससे जुड़ी गतिविधियों ने अब तक उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था में 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष योगदान दिया है।
आर्थिक क्रियाकलापों का हब बन रहा अयोध्या
अयोध्या अब केवल धार्मिक केंद्र नहीं, बल्कि व्यापक आर्थिक क्रियाकलापों का प्रमुख हब बनता जा रहा है। दीपोत्सव जैसे आयोजनों ने शहर को वैश्विक पहचान दी है, जबकि आने वाला ध्वजारोहण कार्यक्रम श्रद्धालुओं की संख्या में और अधिक वृद्धि करेगा। इससे स्थानीय व्यापार, रोजगार, लघु उद्यम और हस्तशिल्प उद्योग को नए अवसर मिलेंगे। रामनगरी का यह परिवर्तन आर्थिक और सांस्कृतिक उन्नयन की नई कहानी लिख रहा है।
ध्वजारोहण से पहले स्वच्छता महाअभियान
अयोध्या में 25 नवंबर को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में होने वाले भव्य ध्वजारोहण कार्यक्रम से पहले शहर में स्वच्छता का विशेष अभियान चलाया गया। नगर निगम, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों ने मिलकर मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में झाड़ू लगाने, कचरा संग्रहण और सड़क सफाई का कार्य किया। भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में अतिरिक्त कूड़ेदान लगाए गए हैं, जबकि यातायात और भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए हैं।
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प्रशासन और मंदिर ट्रस्ट मिलकर श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और सुव्यवस्थित व्यवस्था सुनिश्चित कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने अभियान में उत्साह से भाग लिया और इसे ऐतिहासिक आयोजन में योगदान का अवसर बताया। 25 नवंबर को देशभर से श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है।



