
G20 Summit 2025 : दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक विकास के लिए भारत की सभ्यतागत सोच पर आधारित कई अहम पहलें प्रस्तावित कीं। समावेशी और सतत आर्थिक विकास विषय पर संबोधन देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि दशकों से चले आ रहे वैश्विक विकास मॉडल ने बड़ी आबादी को संसाधनों से दूर रखा है और प्रकृति का अति-दोहन बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि अफ्रीका में इन चुनौतियों का प्रभाव सबसे स्पष्ट दिखाई देता है।
मोदी ने अफ्रीका द्वारा पहली बार जी-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह समय वैश्विक विकास मानदंडों पर पुनर्विचार कर समावेशी प्रगति की दिशा तय करने का है। भारत द्वारा प्रतिपादित *एकात्म मानववाद* इस दिशा में सही मार्ग प्रदान करता है।
प्रधानमंत्री ने G20 वैश्विक पारंपरिक ज्ञान भंडार के निर्माण, अफ्रीका के लिए G20–अफ्रीका स्किल मल्टीप्लायर पहल और अगले दस वर्षों में अफ्रीका में 10 लाख प्रशिक्षित ट्रेनर तैयार करने का लक्ष्य तय करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ का स्थायी सदस्य बनना वैश्विक साझेदारी की बड़ी उपलब्धि है।
खतरनाक पदार्थों की तस्करी रोकने की जरूरत
मोदी ने G20 वैश्विक स्वास्थ्य सेवा प्रतिक्रिया दल के गठन का भी सुझाव दिया, जो प्राकृतिक आपदाओं और स्वास्थ्य आपात स्थितियों में सदस्य देशों की प्रशिक्षित मेडिकल टीमों को तत्काल तैनात करने में सक्षम होगा। ड्रग्स-आतंकवाद के बढ़ते गठजोड़ पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्रधानमंत्री ने फेंटेनाइल जैसे खतरनाक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए जी-20 पहल की आवश्यकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया को इस मादक पदार्थ–आतंकवादी अर्थव्यवस्था को मिलकर कमजोर करना होगा।
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