
Labour Code 2025 : कामगारों की सैलरी, सुरक्षा और वेलफेयर को मजबूत बनाने की दिशा में केंद्र सरकार ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाते हुए चार लेबर कोड को आधिकारिक रूप से लागू कर दिया। इसके साथ ही दशकों से प्रचलित 29 पुराने लेबर कानूनों को खत्म कर दिया गया है और उनकी जगह एक आधुनिक, सरल और यूनिफाइड लेबर फ्रेमवर्क लागू किया गया है।
ये चार नए कानून
- कोड ऑन वेजेज, 2019
- इंडस्ट्रियल रिलेशन्स कोड, 2020
- कोड ऑन सोशल सिक्योरिटी, 2020
- ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड, 2020
लेबर मिनिस्टर मनसुख मंडाविया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा करते हुए कहा कि चारों लेबर कोड नोटिफाई कर दिए गए हैं और अब ये पूरे देश में लागू हो गए हैं।
वर्कर्स के लिए बड़ा बदलाव : बेहतर सैलरी और बढ़ी सुरक्षा
लेबर मंत्रालय के मुताबिक, इन नए कोड्स का उद्देश्य लेबर सिस्टम को आधुनिक बनाना, कर्मचारियों की वेलफेयर को बढ़ाना, इंडस्ट्री को ग्लोबल स्टैंडर्ड के अनुरूप बनाना, और भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स तैयार करना है।
मंत्रालय ने कहा कि ये सुधार आत्मनिर्भर भारत के विज़न को मजबूत करेंगे और देश की उद्योगों को अधिक लचीला तथा प्रतिस्पर्धी बनाएंगे।
पुराने लेबर कानून हुए अप्रासंगिक
मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि भारत में लेबर कानूनों का बड़ा हिस्सा आज़ादी से पहले या उसके तुरंत बाद (1930–1950 के बीच) बनाया गया था। उस दौर की अर्थव्यवस्था और कार्य संस्कृति आज से बिल्कुल अलग थी। दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं ने अपने लेबर नियम वर्षों पहले अपडेट कर लिए थे, लेकिन भारत अब तक 29 बिखरे हुए और कई मामलों में पुराने कानूनों के आधार पर चल रहा था।
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नए लेबर कोड इन सभी विखंडित नियमों को एक सुव्यवस्थित ढांचे में बदलते हैं।



