Delhi Blast Update : ‘लाल किले से कश्मीर तक हमले किए’, पाकिस्तान के नेता का बड़ा कबूलनामा 

Delhi Blast Update : पीओके के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी अनवारूल हक ने असेंबली में माना—लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक हमले पाकिस्तान की ओर से कराए गए।

Delhi Blast Update : पाकिस्तान की ओर से भारत में आतंकवाद को समर्थन देने के भारत के आरोपों को एक बार फिर बल मिला है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी अनवारूल हक ने अपने हालिया बयान में प्रत्यक्ष रूप से स्वीकार किया है कि भारत के खिलाफ कई आतंकी हमले पाकिस्तान की जमीन से संचालित किए गए थे।

पीओके असेंबली में दिए गए इस बयान ने वहां के राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, जबकि भारत में इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का एक और स्पष्ट प्रमाण माना जा रहा है।

हक ने अपने संबोधन में कहा कि मैंने कहा था कि अगर आप बलूचिस्तान में खून बहाते रहेंगे तो हम लाल किले से लेकर कश्मीर के जंगलों तक तुम्हें घुसकर मारेंगे। अल्लाह के करम से कुछ ही दिनों में हमारे शाहीनों ने अंदर घुसकर मारा और उनकी गिनती आज तक पूरी नहीं हुई।

उनकी यह टिप्पणी हाल ही में लाल किले के पास हुए आतंकी हमले तथा जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बड़े आतंकी हमले की ओर संकेत करती है।

लाल किला और पहलगाम: हक किस ओर इशारा कर रहे थे?

10 नवंबर को लाल किले के निकट एक बड़ा विस्फोट हुआ था, जिसकी जांच एनआईए, दिल्ली पुलिस, और हरियाणा पुलिस सहित कई एजेंसियों द्वारा की जा रही है।

इसके अलावा, हक ने कश्मीर के जंगलों का उल्लेख किया, जो इस साल अप्रैल में पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए उस आतंकी हमले की ओर इशारा करता है, जिसमें अंधाधुंध फायरिंग में 26 नागरिक मारे गए थे।

पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकवादी ठिकानों पर सटीक एयर स्ट्राइक की थी।

लाल किले हमले का मास्टरमाइंड एक डॉक्टर

लाल किले के पास हुए विस्फोट मामले में जांच एजेंसियों ने कई अहम गिरफ्तारियाँ की हैं। इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड डॉ. उमर नबी बताया गया है, जो आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा था। यह खुलासा भी हुआ है कि इस मॉड्यूल में 5–6 डॉक्टरों की टीम शामिल थी, जिन्हें फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से पकड़ा गया है। इनमें शामिल डॉ. शाहीन शाहिद को भी हमले की मुख्य योजना बनाने वालों में माना जा रहा है। ये सभी आरोपी तकनीकी और मेडिकल विशेषज्ञता का इस्तेमाल कर उन्नत आतंकी ऑपरेशन चलाने में मदद करते थे।

भारत के आरोपों को मिला और बल

पाकिस्तान लगातार यह दावा करता रहा है कि वह भारत के खिलाफ किसी भी आतंकी गतिविधि में शामिल नहीं है। लेकिन पीओके के पूर्व प्रधानमंत्री का यह कबूलनामा भारत के उन आरोपों को और मजबूत करता है कि आतंकवाद पाकिस्तान की सरकारी संरचना और राजनीतिक नेतृत्व से संरक्षित है।

भारत वर्षों से कहता रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और वहां के आतंकी समूह सीमा पार हमलों को अंजाम देने के लिए सक्रिय हैं। चौधरी अनवारूल हक का बयान अब इस दावे को प्रमाणित करता प्रतीत होता है।

राजनीतिक हलकों में बढ़ी हलचल

हक का यह खुला बयान पाकिस्तान के भीतर विपक्षी दलों और सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए भी चिंता का विषय बन गया है। विश्लेषकों के अनुसार, यह स्वीकारोक्ति पाकिस्तान के लिए अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और मुश्किलें पैदा कर सकती है, जहां वह खुद को आतंकवाद का शिकार बताने की कोशिश करता रहा है।

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