
Delhi Red Fort Blast : दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर की शाम हुई कार ब्लास्ट की जाँच अब मुंबई तक पहुँच गई है। इस धमाके में 15 लोगों की मौत और कई लोगों के घायल होने के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने जांच का दायरा विस्तार कर दिया है।
मुंबई पुलिस सूत्रों के अनुसार, एक संयुक्त गुप्त अभियान के दौरान शहर के अलग–अलग इलाकों से तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। बताया जा रहा है कि ये सभी उच्च शिक्षित हैं और संपन्न परिवारों से आते हैं। प्रारंभिक पूछताछ के बाद उन्हें दिल्ली ले जाया गया है, जहाँ केंद्रीय एजेंसियाँ उनसे विस्फोट में संभावित भूमिका को लेकर गहन पूछताछ कर रही हैं।
जाँच अधिकारियों को शक है कि संदिग्धों का मुख्य आरोपी से संपर्क एक विशेष मोबाइल ऐप के माध्यम से था, जिसका इस्तेमाल संवेदनशील जानकारी साझा करने या गतिविधियों के समन्वय के लिए किया गया होगा। इस सुराग के आधार पर एजेंसियों ने महाराष्ट्र के कई जिलों में भी आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
10 नवंबर को हुई इस घटना में एक धीमी गति से चल रही हुंडई i20 कार में विस्फोट हुआ था, जिसने आसपास खड़े कई वाहनों को भी नुकसान पहुँचाया और इलाके में अफरा–तफरी मच गई।
फोरेंसिक ऑडिट का आदेश
विस्फोट के बाद, फरीदाबाद का अल फलाह विश्वविद्यालय भी जाँच के दायरे में आ गया है। विश्वविद्यालय से जुड़े कई डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद एजेंसियाँ अब इसके रिकॉर्ड और वित्तीय लेन-देन की गहन जाँच कर रही हैं। केंद्र सरकार ने संस्थान के फोरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया है, जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य एजेंसियाँ भी इसकी गतिविधियों की समीक्षा कर रही हैं।
पीटीआई सूत्रों के मुताबिक, विश्वविद्यालय का नाम सामने आने से छात्रों और कर्मचारियों के बीच चिंता बढ़ गई है। चल रही परीक्षाओं के कारण कई छात्र कैंपस में रहने को मजबूर हैं, जबकि कुछ पहले ही घर लौट चुके हैं। प्रशासन ने नियमित कक्षाएं और हॉस्टल सुविधाएँ जारी रखने की कोशिश जारी रखी है।



