Delhi Blast Case : लखनऊ से दो संदिग्ध हिरासत में, ‘डॉक्टर मॉड्यूल’ की फंडिंग और नेटवर्क पर बड़ा खुलासा

Delhi Blast Case : दिल्ली ब्लास्ट केस में लखनऊ से ATS ने दो संदिग्धों को हिरासत में लिया। डॉ. शाहीन, उमर और मुजम्मिल के जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े 20 लाख की हवाला फंडिंग का खुलासा।

Delhi Blast Case : दिल्ली ब्लास्ट केस में उत्तर प्रदेश एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने रविवार को लखनऊ के पारा क्षेत्र स्थित कुंदन विहार से एक भाई-बहन को हिरासत में लिया है। दोनों संदिग्धों के ब्लास्ट मॉड्यूल से संबंध होने की जानकारी सूत्रों से मिली है। फिलहाल एटीएस ने उनकी पहचान सार्वजनिक नहीं की है और न ही यह बताया है कि उन्हें कहां ले जाया गया है। ये कार्रवाई पिछले तीन दिनों की रेकी के बाद की गई।

इससे पहले एटीएस ने लखनऊ के लालबाग से डॉ. शाहीन सईद और उसके भाई डॉ. परवेज को गिरफ्तार किया था। शाहीन को आतंकी डॉक्टर मुजम्मिल शकील की करीबी बताया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसकी कार से AK-47, पिस्टल और कारतूस बरामद किए थे।

ऑपरेशन हमदर्द का खुलासा

डॉ. मुजम्मिल की डायरी से सुरक्षा एजेंसियों को ‘ऑपरेशन हमदर्द’ का पता चला है, जिसके तहत मुस्लिम लड़कियों को आतंकी हमलों के लिए तैयार करने की योजना थी। इस नेटवर्क के संबंध जम्मू-कश्मीर से लेकर फरीदाबाद तक फैले बताए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में यूपी पुलिस ने फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में भी छापेमारी की, जहां मुजम्मिल पढ़ाता था।

जैश-ए-मोहम्मद से 10 साल पुराना कनेक्शन

एनआईए अधिकारियों के अनुसार, डॉ. शाहीन करीब 10 साल से जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ी थी। 2015 में वह सक्रिय मॉड्यूल का हिस्सा बनी। 2021 में परिवार द्वारा टोके जाने पर उसने कहा था कि “परिवार और नौकरी में क्या रखा है… अब कौम का कर्ज उतारने का समय है।

खुफिया एजेंसियों ने शाहीन, उमर और मुजम्मिल को मिले 20 लाख रुपये की हवाला फंडिंग का भी ट्रेल खोज लिया है। माना जा रहा है कि यह पैसा जैश के एक हैंडलर के माध्यम से भेजा गया था। इसी रकम को लेकर उमर और शाहीन के बीच विवाद भी हुआ था।

डॉक्टरों का ‘व्हाइट-कॉलर टेरर मॉड्यूल’

जांच में सामने आया है कि यह मॉड्यूल पिछले साल से एक सुसाइड बॉम्बर की तलाश में था, जिसकी जिम्मेदारी डॉक्टर उमर को दी गई थी। हिरासत में लिए गए काजीगुंड निवासी जसीर उर्फ दानिश ने बताया कि उसकी पहली मुलाकात मॉड्यूल से अक्टूबर 2023 में कुलगाम की मस्जिद में हुई थी। बाद में उसे फरीदाबाद में किराए के ठिकाने पर रखा गया था।

परिवार की भूमिका पर भी शक

डॉ. शाहीन के पिता सैयद अहमद अंसारी, जो यूपी स्वास्थ्य विभाग में फार्मासिस्ट थे, भी जांच के दायरे में हैं। सवाल उठ रहा है कि सीमित आय के बावजूद शाहीन और परवेज की महंगी एमडी की पढ़ाई प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में कैसे कराई गई, जबकि दोनों की एमबीबीएस सरकारी कॉलेज से हुई थी।

कार मालिक आमिर गिरफ्तार

वहीं, एनआईए ने रविवार को आतंकी उमर के सहयोगी आमिर राशिद अली को दिल्ली से गिरफ्तार किया। आई20 कार, जिसका इस्तेमाल ब्लास्ट की साजिश में हुआ था, आमिर के नाम रजिस्टर्ड है। वह जम्मू-कश्मीर के पंपोर का रहने वाला है। अधिकारियों के अनुसार, आमिर और उमर ने मिलकर दिल्ली ब्लास्ट की योजना तैयार की थी।

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