
Birsa Munda 150th Jayanti – शनिवार को जनपद में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाई गई। इस अवसर पर जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी, मुख्य विकास अधिकारी डा. दिव्या मिश्रा सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारियों और कर्मचारियों ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
अधिकारियों ने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन आदिवासी समाज की अस्मिता, संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा का प्रतीक है। उनका संघर्ष आज भी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत है।
बिरसा मुंडा का संघर्ष: अस्मिता और स्वायतत्ता की लड़ाई
उल्लेखनीय है कि 19वीं शताब्दी के अंत में अंग्रेजों ने कुटिल नीतियों के तहत आदिवासियों को जल-जंगल-जमीन और प्राकृतिक संसाधनों से बेदखल करना शुरू कर दिया था। संख्या बल और हथियारों की कमी के बावजूद आदिवासी विद्रोह करते रहे, लेकिन उन्हें दबा दिया जाता था।
यह सब देखकर बिरसा मुंडा विचलित हुए और 1895 में उन्होंने जमींदारी प्रथा, राजस्व व्यवस्था तथा जंगल-जमीन से संबंधित अंग्रेजों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ व्यापक संघर्ष छेड़ दिया। यह केवल विद्रोह नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता और संस्कृति की रक्षा के लिए महायुद्ध था। इसी कारण उन्हें ‘धरती आबा’ और भगवान का दर्जा दिया गया।
जनजातीय गौरव दिवस पर जनपद में हुए कई कार्यक्रम
वर्ष 2021 से 15 नवंबर को पूरे देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रतापगढ़ के विभिन्न कार्यालयों, विद्यालयों और संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।
जिला समाज कल्याण अधिकारी डा. आकांक्षा दीक्षित के संयोजन में जिला स्तरीय कार्यक्रम सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
ऑटो रिक्शा चालक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ
एक अन्य कार्यक्रम में समाज कल्याण अधिकारी (विकास) डा. आकांक्षा दीक्षित ने ऑटो रिक्शा चालक प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर विभागीय कर्मचारी मुन्नी लाल, विवेक श्रीवास्तव, संजय कुमार सिंह पटेल, प्रकाश चंद पटेल, अजीत सिंह एवं सचिन पटेल की सराहनीय उपस्थिति और सहभागिता रही।
रिपोर्ट: उमेश पाण्डेय, जिला संवाददाता – यूनाइटेड भारत, प्रतापगढ़



