
Rohini Acharya : बिहार चुनाव में राजद की करारी हार के एक दिन बाद पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने शनिवार को एक चौंकाने वाली घोषणा करते हुए कहा है कि वह राजनीति छोड़ रही हैं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हैं।
रोहिणी ने यह बयान अपने एक्स (Twitter) हैंडल पर पोस्ट किया और अपने इस फैसले के लिए राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव और रमीज को ज़िम्मेदार बताया, दोनों तेजस्वी यादव के बेहद करीबी माने जाते हैं।
पार्टी की हार के बाद बढ़ा विवाद
बिहार विधानसभा चुनाव में राजद को तगड़ा झटका लगा है। एनडीए को 202 सीटें मिलीं, जबकि महागठबंधन सिर्फ 35 सीटों पर सिमट गया है। आरजेडी को मात्र 25 सीटें मिली हैं। तेजस्वी यादव अपनी सीट तो जीत गए, लेकिन बेहद कड़े मुकाबले में। इसी हार के बाद रोहिणी का यह पोस्ट सामने आया, जिसे तेजस्वी कैंप पर सीधा हमला माना जा रहा है।
संजय यादव और रोहिणी के बीच पुरानी तनातनी
सूत्रों के अनुसार, चुनाव प्रचार के दौरान एक विवाद हुआ था, जब तेजस्वी की रैली में संजय यादव को प्रचार वाहन की अगली सीट पर बैठने पर रोहिणी ने आपत्ति जताई थी। इसके बाद से दोनों के बीच तनाव लगातार बना हुआ था।
राजद के सूत्रों का कहना है कि रोहिणी पार्टी में अपनी भूमिका और प्रभाव को लेकर असहज थीं और उन्हें लगता था कि तेजस्वी के करीबी उन्हें महत्व नहीं दे रहे।
रोहिणी ने भावुक होकर कहा – आत्मसम्मान से समझौता नहीं करूंगी
पिछले कुछ महीनों में रोहिणी लगातार संकेत दे रही थीं कि वह पार्टी के भीतर खुद को उपेक्षित महसूस कर रही हैं। उन्होंने लिखा था कि मैं सत्ता की लालसा नहीं रखती, लेकिन आत्मसम्मान से समझौता भी नहीं करूंगी। बता दें कि रोहिणी वही बेटी हैं जिन्होंने 2022 में अपने पिता लालू यादव को अपनी किडनी दान की थी।
राजद में लगातार उभर रहा पारिवारिक विवाद
राजद परिवार में यह पहला विवाद नहीं है। मई 2025 में तेज प्रताप यादव को महिला के साथ तस्वीरें पोस्ट करने के विवाद के बाद पार्टी से निकाला गया था। बाद में उन्होंने अपनी पार्टी जनशक्ति जनता दल (JJD) बनाई और इस चुनाव में महुआ सीट से हार गए।
तेज प्रताप अब खुलकर तेजस्वी और राजद नेतृत्व की आलोचना करते हैं।
विपक्ष का हमला
BJP प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि जिस बेटी ने अपने पिता को किडनी दी, उसे ही आज परिवार से नाता तोड़ने पर मजबूर होना पड़ रहा है। यह राजद परिवार की अंदरूनी कलह का नतीजा है।
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जद(यू) के नीरज कुमार ने भी कहा कि रोहिणी का यह फैसला बताता है कि उन्हें अपने ही परिवार और भाई से सम्मान नहीं मिल रहा।



