
New Delhi. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (CEC) ने ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी सहित सभी एएसआई संरक्षित स्मारकों की ‘वहन क्षमता’ (Carrying Capacity) तय करने की सिफारिश की है, ताकि बढ़ती पर्यटक संख्या के कारण विरासत स्थलों पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जा सके।
समिति ने सुझाव दिया है कि किसी भी स्मारक परिसर में एक समय में प्रवेश करने वाले पर्यटकों की अधिकतम संख्या तय की जाए और निर्धारित समय से अधिक ठहरने पर जुर्माना लगाया जाए। समिति ने पर्यटन के विविधीकरण पर ज़ोर देते हुए मरियम का मकबरा, राम बाग, बटेश्वर, सिकंदरा और चीनी का रौज़ा जैसे द्वितीयक स्थलों के विकास की भी सिफारिश की है।
2018 में एएसआई ने मुख्य मकबरे के लिए अतिरिक्त शुल्क और तीन घंटे की समय-सीमा लागू की थी। समिति ने कहा कि ताज ट्रैपीजियम जोन (TTZ) में इको-टूरिज्म, रिवरफ्रंट टूरिज्म और हेरिटेज ट्रेल्स को बढ़ावा दिया जाए।
ये कदम उठाने की जरूरत
रिपोर्ट में कहा गया है कि ताज से 10 किमी की हवाई दूरी के भीतर केवल कम प्रदूषण वाले उद्योगों को ही अनुमति दी जाए। यमुना किनारे को हरित बफर क्षेत्र घोषित करने और नदी में सीवेज प्रवाह को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता बताई गई है।
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टीटीजेड सीमा के साथ 50 मीटर की हरित पट्टी, वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली और पवन अवरोधक विकसित करने पर भी जोर दिया गया है। प्रस्तावों में टीटीजेड प्राधिकरण को वित्तीय रूप से सुदृढ़ बनाने की बात भी शामिल है। रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई है, जिसकी आगे जांच की जाएगी।



