
Delhi Blast. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास एक व्यस्त सड़क पर सोमवार शाम एक हुंडई i20 कार में हुए शक्तिशाली विस्फोट ने पूरे शहर को दहला दिया। इस हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक लोग घायल हैं। विस्फोट के बाद आसपास अफरातफरी मच गई और सड़क पर भयावह दृश्य देखे गए।
पीड़ितों का इलाज एलएनजेपी अस्पताल में चल रहा है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पहुँचकर घायलों का हालचाल जाना। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक, 12 मरीज़ अब भी भर्ती हैं, जिनमें छह आइसोलेशन वार्ड, चार आईसीयू और दो ट्रॉमा सेंटर में हैं। 28 वर्षीय मोहम्मद सफवान और उत्तर प्रदेश के शिवा जायसवाल सहित कई मरीज़ों ने कानों में दर्द और सुनने में तकलीफ़ की शिकायत की है।
पहले लगा सिलेंडर विस्फोट
डॉ. देविंदर राय (सर गंगा राम अस्पताल, ईएनटी विशेषज्ञ) के अनुसार, “ऐसे हाई-इंटेंसिटी विस्फोटों से कान पर गहरा प्रभाव पड़ता है। कई बार यह असर स्थायी श्रवण हानि या टिनिटस (कानों में लगातार आवाज़) का कारण बन सकता है।
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चश्मदीद राजीव कुमार, जो पास में कॉस्मेटिक की दुकान चलाते हैं, ने बताया कि पहले लगा सिलेंडर फटा है, लेकिन जब सड़क पर लोगों को खून से लथपथ पड़ा देखा, तो मैं मदद के लिए दौड़ा। एम्बुलेंस चालक फ़िज़ान और इमरान ने बताया कि उन्होंने मौके पर कई लोगों को बचाया और कई शवों को उठाया। फिजान ने कहा कि हम शरीर के अंगों को हाथों में लिए हुए थे, जो अब भी काँप रहे थे।
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दिल्ली पुलिस और एनआईए की संयुक्त टीम मामले की जांच कर रही है। अब तक आठ मृतकों की पहचान हो चुकी है, जबकि अन्य शवों की डीएनए जांच जारी है।



