केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी, फिरोजपुर–पट्टी रेल परियोजना को मंजूरी

Gorakhpur News. जनजातीय गौरव पखवाड़ा के तहत केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि दी।

Gorakhpur News. जनजातीय गौरव पखवाड़ा समारोह के अवसर पर केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली स्थित रेल भवन में भगवान बिरसा मुंडा को पुष्पांजलि अर्पित की। यह कार्यक्रम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे वर्षभर के जनजातीय गौरव वर्ष समारोह का हिस्सा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर भारत सरकार ने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी, ताकि आदिवासी नायकों के साहस, संस्कृति और राष्ट्र-निर्माण में योगदान को राष्ट्रीय चेतना में स्थान दिया जा सके।

रेल मंत्रालय ने फिरोजपुर–पट्टी रेल लिंक परियोजना को दी मंजूरी

इसी क्रम में रेल मंत्रालय ने फिरोजपुर-पट्टी रेल लिंक परियोजना (25.72 किमी) को मंजूरी प्रदान की है। परियोजना की अनुमानित लागत ₹764.19 करोड़ है, जिसमें से ₹166 करोड़ भूमि अधिग्रहण के लिए निर्धारित हैं।

केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने मीडिया को बताया कि यह परियोजना रणनीतिक और आर्थिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके पूरा होने पर फिरोजपुर और अमृतसर के बीच की दूरी 196 किमी से घटकर लगभग 100 किमी रह जाएगी, जबकि जम्मू–फिरोजपुर–फाजिल्का–मुंबई कॉरिडोर की दूरी 236 किमी कम हो जाएगी।

परियोजना से होंगे लाखों को लाभ और रोजगार सृजन

श्री बिट्टू ने बताया कि यह परियोजना मालवा और माझा क्षेत्रों के बीच संपर्क को सुदृढ़ करेगी तथा लॉजिस्टिक दक्षता में वृद्धि लाएगी। इससे लगभग 10 लाख लोगों को सीधा या अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और 2.5 लाख रोजगार अवसर उत्पन्न होंगे। नई रेल लाइन जालंधर–फिरोजपुर और पट्टी–खेमकरण मार्गों को जोड़ेगी, जिससे अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट रणनीतिक संपर्क मार्ग तैयार होगा।

यह रेल लाइन प्रतिदिन 2,500 से 3,500 यात्रियों को सुविधा देगी, विशेष रूप से छात्रों, कर्मचारियों और ग्रामीण मरीजों को लाभ होगा। इसके साथ ही यह कृषि उत्पादों के परिवहन, औद्योगिक विकास और पर्यटन को भी नई गति देगी।

ऐतिहासिक रूट का पुनर्जीवन

नई रेल लाइन विभाजन के समय टूटे हुए ऐतिहासिक मार्ग को पुनर्जीवित करेगी। इससे फिरोजपुर–खेमकरण की दूरी 294 किमी से घटकर मात्र 110 किमी रह जाएगी। यह मार्ग रक्षा महत्व के दृष्टिकोण से भी अहम रहेगा, क्योंकि इससे सैनिकों, उपकरणों और आपूर्ति की तेज आवाजाही सुनिश्चित होगी।

कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारी

इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक/अम्बाला विनोद भाटिया, मुख्य परियोजना प्रबंधक अजय वार्ष्णेय, मुख्य परियोजना प्रबंधक/आरएलडीए बलबीर सिंह, अपर मंडल रेल प्रबंधक/फिरोजपुर नितिन गर्ग, तथा ईडीपीजी/रेल राज्यमंत्री धनंजय सिंह भी उपस्थित रहे।

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