
Pratapgarh News: विकासखण्ड लक्ष्मणपुर के कोठार मंगोलपुर गांव में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान सोमवार को कथाव्यास आचार्य ओमानंद जी महाराज ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव की कथा का भावपूर्ण वर्णन किया।
उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कारागार में हुआ था और उनके जन्म के साथ ही चमत्कारिक लीलाएं शुरू हो गईं। कारागार के द्वार अपने आप खुल गए, पहरेदार गहरी नींद में सो गए और वसुदेव-देवकी के भय का अंत हो गया।
जन्मोत्सव के अवसर पर पूरे पाण्डाल में भजन-कीर्तन गूंज उठा। ‘नंद घर आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की’ जैसे सुमधुर भजनों पर श्रद्धालु झूमते और नृत्य करते नजर आए। मंच पर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की भव्य झांकी भी निकाली गई, जिसने उपस्थित श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया।
कथाव्यास ओमानंद महाराज ने कहा कि भगवान अपने भक्तों के वश में रहते हैं और सदैव उनका कल्याण करते हैं। उन्होंने बताया कि जब कंस के पापों का घड़ा भर गया, तब भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लेकर उसका अंत किया।
कार्यक्रम में मुख्य आयोजक डॉ. हरिश्चंद्र शुक्ल और सरोज शुक्ल ने व्यासपीठ का पूजन कर कथा का शुभारंभ किया। इस अवसर पर विशंभर नाथ शुक्ल, इंद्रभवन मिश्र, प्रतीक शुक्ला, कुलभूषण ओझा, बृजेंद्र मणि त्रिपाठी, शिवशंकर शुक्ल, राजेंद्र प्रसाद शुक्ल, उमेश शुक्ला सहित कई श्रद्धालु उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – उमेश पाण्डेय, जिला संवाददाता, यूनाइटेड भारत, प्रतापगढ़।



