
Lucknow News. प्रयागराज हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने राजधानी लखनऊ में स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के पास खुली शराब और बीयर की दुकान पर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने आबकारी आयुक्त से जवाब तलब करते हुए पूछा है कि आखिर 100 मीटर की सीमा के भीतर यह दुकान कैसे संचालित की जा रही है।
न्यायमूर्ति आलोक माथुर और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए आबकारी विभाग से यह स्पष्ट करने को कहा है कि जब यह तथ्य उनके संज्ञान में आया, तब क्या कार्रवाई की गई। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 14 नवंबर तय की है।
याचिका पर दिया आदेश
यह मामला स्थानीय निवासी दिनेश यादव और अन्य की याचिका पर सामने आया है, जिन्होंने कई बार स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों से शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने पर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव मेहरोत्रा ने कहा कि लोहिया संस्थान के गेट से कुछ ही मीटर की दूरी पर अंग्रेजी शराब और बीयर की दुकान संचालित हो रही है।
राज्य सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि दुकान संस्थान के गेट से 53 मीटर दूर है, इसलिए लाइसेंस देने में कोई नियमभंग नहीं हुआ है। इस पर याचियों के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट के उत्तर प्रदेश बनाम मनोज कुमार द्विवेदी मामले में स्पष्ट आदेश है कि अस्पतालों से कम से कम 100 मीटर की दूरी पर ही शराब की दुकानें होनी चाहिए।
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अदालत ने इस पर गंभीरता दिखाते हुए आबकारी आयुक्त से विस्तृत जवाब मांगा है और दुकान संचालक नितिन जायसवाल को भी नोटिस जारी किया है।



