
Prayagraj News-सलोरी काटजू बाग कालोनी स्थित दुर्गा पूजा पार्क में भइया जी का दाल भात परिवार और श्री सुमंगलम सेवा न्यास की ओर से सेवा कार्यों के सहयोगार्थ आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा के छठे दिन शुक्रवार को कथा व्यास आचार्य शांतनु महाराज ने रघुवंश की माताओं के चरित्रों का वर्णन करते हुए कहा कि —
“यह देश, यह धर्म और यह संस्कृति यदि आज सुरक्षित है तो इसके पीछे माताओं और बहनों का त्याग और बलिदान है।”
महाराज ने कहा कि मां कौशल्या, मां सुमित्रा, मां जानकी और मां उर्मिला के आदर्श चरित्र आज भी समाज के लिए प्रेरणा हैं। इन माताओं ने अपने पुत्रों और भाइयों को धर्म की रक्षा के लिए तिलक लगाकर भेजा — यही त्याग सनातन संस्कृति की सबसे बड़ी शक्ति है।
उन्होंने आगे कहा कि जब भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और सीता वनवास के लिए निकले, तो अयोध्या के नागरिकों ने मां कैकेयी को धिक्कारते हुए उनका साथ दिया। यही भगवान के प्रति अयोध्यावासियों का प्रेम और समर्पण था।
कथा के दौरान महाराज ने केवट प्रसंग का भावपूर्ण वर्णन किया और कहा कि —
“यदि परमात्मा से मिलन करना हो, तो सरल, सहज और भोले बन जाइए। भक्त का रूदन ही भक्ति की सबसे ऊँची साधना है, जो भगवान को अपने पास खींच लाती है।”

उन्होंने कहा कि केवट और भगवान श्रीराम के संवाद भक्ति के आदर्श उदाहरण हैं — केवट ने भगवान से कोई पारितोषिक नहीं लिया और यही भाव उसे भगवान का ऋणी बना देता है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, काशी प्रांत के सह प्रांत प्रचारक सुनील, जिला प्रचारक डॉ. देवदत्त, सीएमओ डॉ. अरुण कुमार तिवारी, समाजसेवी शिव प्रसाद मिश्रा, भाजपा नेता विजय द्विवेदी, अन्नू भइया, डॉ. अविनाश श्रीवास्तव, डॉ. वी.के. कश्यप, पार्षद सुरेंद्र कुमार, पंकज पांडेय, मुकेश मिश्रा, आशीष सिंह, सुदीप सिंह, सुनील सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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