
Lucknow News. उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से जारी बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, अवध और तराई के करीब 20 जिलों में हल्की से लेकर तेज बारिश ने खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। वहीं, झांसी जिले से दर्दनाक खबर सामने आई है। मोठ थाना क्षेत्र के कुम्हरार गांव में धान की फसल बर्बाद होने से परेशान किसान कमलेश यादव (48) ने शुक्रवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
प्रदेश के बाराबंकी, झांसी, मऊ, गाजीपुर और श्रावस्ती समेत कई जिलों में धान, चना, मटर, आलू और सरसों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। खेतों में पानी भरने से कटाई के लिए तैयार फसलें सड़ने लगी हैं, जिससे किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है।
मोंथा चक्रवात का असर
मऊ में मोंथा चक्रवात का असर देखने को मिला है। यहां किसानों की कटी हुई धान की फसलें बारिश में भीगकर खराब हो गई हैं। खेतों में आधा फीट तक पानी जमा हो गया है, जिससे फसलें जमीन पर गिर चुकी हैं। किसान अब सरकार से नुकसान का सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि लगातार बदलते मौसम ने उनकी सालभर की मेहनत को बर्बाद कर दिया है।
बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी
गाजीपुर में पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बीते दिन मूसलाधार बारिश से जिले में धान, चना, मटर, आलू और सरसों की फसलें पूरी तरह जलमग्न हो गईं। किसानों ने बताया कि धान की फसलें खेतों में ही पानी में डूब गई हैं, जबकि नई बोई गई फसलें सड़ने लगी हैं। उन्होंने सरकार से मुआवजे की मांग की है ताकि वे फिर से खेती शुरू कर सकें।
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श्रावस्ती जिले में स्थिति और भी गंभीर है। यहां के किसान पहले ही सूखे की मार झेल चुके हैं, अब बेमौसम बारिश ने उनकी उम्मीदें तोड़ दी हैं। कई किसानों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर धान की फसल बोई थी, लेकिन अब सब कुछ खत्म हो गया है। खेतों में सैकड़ों बीघा धान की फसल पानी में डूब चुकी है। किसानों का कहना है कि अब कर्ज चुकाने की चिंता ने उन्हें तोड़कर रख दिया है।
फसल बर्बाद, किसान ने की आत्महत्या
इस बीच, झांसी जिले से दर्दनाक खबर सामने आई है। मोठ थाना क्षेत्र के कुम्हरार गांव में धान की फसल बर्बाद होने से परेशान किसान कमलेश यादव (48) ने शुक्रवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उनके बेटे भूपेंद्र यादव ने बताया कि पिता के पास 5 बीघा जमीन थी और 10 बीघा खेत बटाई पर लिया था। लगातार बारिश से सारी फसल सड़ गई, जिससे वह गहरी निराशा में थे।
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परिजनों के अनुसार, 15 दिन बाद बेटी की सगाई तय थी और आर्थिक तंगी ने कमलेश को तोड़ दिया। प्रदेश के झांसी, ललितपुर, जालौन और बांदा जिलों में भी बारिश और तेज हवाओं से तिलहन और धान की फसलें चौपट हो गई हैं। कई स्थानों पर पेड़ गिरने, बिजली गिरने और मकान ढहने की घटनाएं भी हुई हैं।
सीएम ने दिए सर्वे के निर्देश
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को तत्काल राहत कार्य शुरू करने और फसलों के नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को नुकसान की रिपोर्ट शासन को भेजने और प्रभावित किसानों को तत्काल राहत राशि प्रदान करने का आदेश दिया है।



