
New Delhi. पाकिस्तान सीमा से सटे इलाकों में भारत ने अपनी सैन्य ताकत का जबरदस्त प्रदर्शन शुरू कर दिया है। गुरुवार को भारतीय थल सेना, नौसेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से त्रिशूल नामक त्रि-सेवा युद्धाभ्यास की शुरुआत की। यह 12 दिन तक चलने वाला अभ्यास भारत की पश्चिमी सीमा, विशेष रूप से गुजरात और राजस्थान के कच्छ क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है।
यह अभ्यास सिर्फ रुटीन नहीं, बल्कि भारत की नई युद्ध नीति और सिंदूर के बाद के सिद्धांत का मूर्त रूप माना जा रहा है। इसमें भारत ने पहली बार सभी सेनाओं की ताकत को एकीकृत कमान के तहत जोड़कर पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है कि अब किसी भी उकसावे का जवाब तुरंत और निर्णायक होगा।
त्रिशूल : भारत की नई सैन्य रणनीति का प्रदर्शन
त्रिशूल अभ्यास 30 अक्टूबर से शुरू होकर 10 नवंबर तक चलेगा। इसमें राफेल और सुखोई -30 लड़ाकू विमान, टी-90 टैंक, युद्धपोत, मिसाइल बैटरियाँ और विशेष बलों के कमांडो शामिल हैं।
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अभ्यास का मुख्य उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच समन्वय बढ़ाना और हाई-इंटेंसिटी जॉइंट ऑपरेशन की तैयारियों को परखना है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह अभ्यास सर क्रीक क्षेत्र पर केंद्रित है – जो पाकिस्तान के साथ भविष्य के संभावित सीमा विवाद का केंद्र बन सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद नई सोच
यह अभ्यास मई 2025 में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद का पहला बड़ा युद्धाभ्यास है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। उस ऑपरेशन से मिली सीख के बाद भारत ने अब अपनी नीति को रिएक्टिव डिफेंस से प्रीएम्प्टिव डिटरेंस (पूर्व-निवारक निरोध) की ओर मोड़ दिया है।
त्रिशूल से क्या दे रहा संदेश
त्रिशूल अभ्यास से भारत यह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि अब उसके पास बहु-क्षेत्रीय कार्रवाई की पूरी क्षमता है। यह अभ्यास तेज निर्णय चक्र, सटीक हमले, संयुक्त रसद प्रणाली और राजनीतिक-सैन्य समन्वय का परीक्षण कर रहा है।
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रणनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत अब सीमित प्रतिक्रिया की नीति छोड़कर संयुक्त निर्णायक जवाब की ओर बढ़ चुका है।
पाकिस्तान में हड़कंप, हवाई क्षेत्र किया बंद
भारत के त्रिशूल अभ्यास से घबराए पाकिस्तान ने अपने मध्य और दक्षिणी हवाई क्षेत्र को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है। इस्लामाबाद ने शनिवार को एक एनओटीएएम (नोटिस टू एयरमैन) जारी कर कई हवाई मार्गों पर उड़ान प्रतिबंध लगाए हैं। यह फैसला भारत द्वारा जारी किए गए समान एनओटीएएम के जवाब में लिया गया है, जिसमें भारत ने भी 30 अक्टूबर से 10 नवंबर तक अपने हवाई क्षेत्र को 28,000 फीट की सीमा तक सीमित किया है।
नया भारत – नई रक्षा नीति
त्रिशूल अभ्यास यह संकेत देता है कि भारत अब केवल सीमा सुरक्षा नहीं, बल्कि रणनीतिक प्रभुत्व की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह अभ्यास भारत की तैयारी, तकनीकी दक्षता और राजनीतिक इच्छाशक्ति – तीनों का संगम है। रणनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, त्रिशूल भारत के बदलते रुख का प्रतीक है – अब भारत केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि पहले से तैयार रहेगा।



