
Maritime Leaders Conclave. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (29 अक्टूबर) को मुंबई में आयोजित इंडिया मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव 2025 को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी भारत के समुद्री क्षेत्र के तेज विकास की सदी है। उन्होंने कहा कि आज भारत के बंदरगाह न केवल विकासशील देशों में सबसे कुशल हैं, बल्कि कई मामलों में विकसित देशों के पोर्ट्स से भी बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2025 भारत के मैरीटाइम सेक्टर के लिए बेहद अहम साल है। उन्होंने बताया कि विझिंजम पोर्ट के रूप में भारत का पहला डीप वॉटर इंटरनेशनल ट्रांसशिपमेंट हब अब ऑपरेशनल हो चुका है। हाल ही में यहां दुनिया का सबसे बड़ा कंटेनर वेसल पहुंचा, जो हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।
मोदी ने कहा कि भारत के मेजर पोर्ट्स ने 2024-25 में अब तक का सबसे अधिक कार्गो हैंडलिंग करके नया रिकॉर्ड बनाया है। इसके साथ ही जेएनपीटी में भारत-मुंबई कंटेनर टर्मिनल का दूसरा चरण शुरू हो गया है, जिससे इसकी क्षमता दोगुनी हो गई और यह देश का सबसे बड़ा कंटेनर पोर्ट बन गया है।
समुद्री कानूनों ने बोर्ड्स की भूमिका को मजबूत किया
प्रधानमंत्री ने बताया कि नए शिपिंग कानूनों ने राज्य समुद्री बोर्डों की भूमिका को मजबूत किया है और पोर्ट प्रबंधन में डिजिटल तकनीक के एकीकरण को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव न केवल कारोबार को आसान बना रहे हैं, बल्कि निवेशकों का भरोसा भी बढ़ा रहे हैं।
यह भी पढें – Bihar Election 2025 : पहले चरण में 32 % उम्मीदवार आपराधिक छवि वाले – एडीआर की रिपोर्ट में खुलासा
पीएम मोदी ने कहा कि 2016 में मुंबई में शुरू हुआ यह आयोजन आज एक वैश्विक प्लेटफॉर्म बन चुका है। इस बार 85 से अधिक देशों की भागीदारी भारत के समुद्री क्षेत्र पर दुनिया के बढ़ते विश्वास का प्रतीक है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम में शिपिंग सेक्टर से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स लॉन्च हुए हैं और लाखों-करोड़ों रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं, जो भारत के मैरीटाइम सेक्टर की संभावनाओं को दर्शाते हैं।
मैरीटाइम इंडिया विजन से आए क्रांतिकारी बदलाव
पीएम मोदी ने कहा कि मैरीटाइम इंडिया विजन के तहत अब तक 150 से अधिक पहलें शुरू की गई हैं। इसके परिणामस्वरूप प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता दोगुनी हुई है, टर्नअराउंड समय घटा है और माल ढुलाई में 700 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
क्रूज़ टूरिज्म और अंतर्देशीय जलमार्गों में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है – चालू जलमार्गों की संख्या तीन से बढ़कर 32 हो गई है। मोदी ने बताया कि पिछले एक दशक में बंदरगाहों के वार्षिक अधिशेष में नौ गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
यह भी पढें – पाकिस्तान के झूठ का पर्दाफाश: जिन पायलट शिवांगी सिंह को पकड़ने का दावा किया था, वे राष्ट्रपति संग दिखीं
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह भूमि छत्रपति शिवाजी महाराज की है, जिन्होंने समुद्री सुरक्षा की नींव रखी थी। आज भारत न केवल अपनी समृद्ध समुद्री विरासत पर गर्व करता है, बल्कि दुनिया के लिए एक स्थिर और विश्वसनीय प्रकाश स्तंभ के रूप में खड़ा है।
उन्होंने कहा कि जब वैश्विक समुद्रों में अनिश्चितता होती है, तब दुनिया भरोसे के प्रतीक की तलाश करती है – भारत उस प्रकाशस्तंभ की भूमिका निभाने के लिए पूरी तरह सक्षम है।



