Gold-Silver Slump: सोना-चांदी के भाव में बड़ी गिरावट, निवेशकों की रणनीति पर असर

Gold-Silver Slump: सोने और चांदी की कीमतों में हालिया गिरावट ने निवेशकों को चौंका दिया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना अपने ऑल-टाइम हाई से करीब 11% और चांदी 16% तक टूट चुकी है। भारत में भी इसका असर साफ दिख रहा है, जहां 24 कैरेट सोना अब 1.18 लाख प्रति 10 ग्राम के आसपास कारोबार कर रहा है, जबकि चांदी की कीमतें ₹1.40 लाख प्रति किलो तक फिसल गई हैं।

गिरावट के पीछे ये हैं 5 बड़े कारण

  1. सेफ-हेवन डिमांड में कमी अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम होने से निवेशक अब सोना-चांदी जैसे सुरक्षित निवेश से पैसा निकालकर शेयर बाजार जैसे जोखिम वाले विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं।
  2. डॉलर की मजबूती अमेरिकी डॉलर फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग और मजबूत कॉर्पोरेट नतीजों के चलते और मजबूत हुआ है। इससे सोना-चांदी अन्य मुद्राओं में महंगे हो गए हैं, जिससे ग्लोबल डिमांड में गिरावट आई है।
  3. कीमतों में बुलबुला विशेषज्ञों का मानना है कि हालिया तेजी एक बुलबुला थी, जिससे निवेशक नए निवेश से बचने लगे हैं।
  4. मुनाफावसूली का दौर बीते महीनों में आई तेज उछाल के बाद अब निवेशक मुनाफा बुक कर रहे हैं, जिससे कीमतों पर दबाव बना है।
  5. औद्योगिक मांग में गिरावट खासकर चांदी की मांग इलेक्ट्रॉनिक्स और सोलर सेक्टर से कमजोर हुई है, जिससे इसकी कीमतें प्रभावित हुई हैं।

अमेरिका-चीन ट्रेड डील की उम्मीदें बनीं सबसे बड़ा फैक्टर

खबरों के मुताबिक अमेरिका और चीन के शीर्ष अधिकारी एक ट्रेड डील के फ्रेमवर्क पर सहमत हो चुके हैं। इस हफ्ते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की मुलाकात संभावित है। इससे सेफ-हेवन एसेट्स में निवेश घटा है और इक्विटी मार्केट की ओर रुझान बढ़ा है।

शेयर बाजार की तेजी ने गोल्ड की चमक की छीनी

जापान का निक्केई 50,000 के पार, अमेरिका और यूरोप के इंडेक्स रिकॉर्ड हाई पर हैं। OPEC द्वारा प्रोडक्शन बढ़ाने की योजना से कच्चे तेल की कीमतें भी फिसली हैं। ऐसे में निवेशक नॉन-यील्डिंग एसेट्स जैसे गोल्ड-सिल्वर से दूरी बना रहे हैं।

भारतीय बाजार में भी दिखा असर

India Bullion & Jewellers Association (IBJA) की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कंबोज के मुताबिक, “सोना अब भी सेफ-हेवन एसेट बना हुआ है, लेकिन फिलहाल निवेशक सतर्क हैं और क्लियर सिग्नल का इंतजार कर रहे हैं।”

चांदी की कीमतों में गिरावट के बावजूद लंबी अवधि में इसके इंडस्ट्रियल यूज और क्लीन एनर्जी सेक्टर से सपोर्ट मिलने की उम्मीद है। निवेशकों को सलाह दी जा रही है कि वे ‘गिरावट पर खरीदारी’ की रणनीति अपनाएं।

Gold-Silver Slump: also read- Maa Vindhyavasini Darshan Yatra: कार्तिक पूर्णिमा पर नि:शुल्क मां विंध्यवासिनी दर्शन यात्रा का आयोजन, 5 नवंबर को होगा प्रस्थान

लॉन्ग टर्म में उम्मीदें बरकरार

हालिया गिरावट के बावजूद, गोल्ड ने 2025 में अब तक 53% का रिटर्न दिया है। अक्टूबर में इसने $4,381 प्रति औंस का ऑल-टाइम हाई छुआ था। सिल्वर भी इस साल की टॉप परफॉर्मिंग कमोडिटीज में शामिल रही है।

Show More

Related Articles

Back to top button