India- Pakistan: भारत ने जेनेवा में कहा- पीओके से कब्जा छोड़े पाकिस्तान

India- Pakistan: भारत ने स्विट्जरलैंड के जेनेवा में आयोजित अंतर संसदीय संघ (आईपीयू) के मंच पर पाकिस्तान को कड़ा जवाब दिया है। आईपीयू की 151वीं असेंबली में पाकिस्तानी प्रॉपगेंडा का राइट टू रिप्लाई के तहत जवाब देते हुए, भारत का प्रतिनिधित्व कर रहीं सांसद अपराजिता सारंगी ने कहा, पाकिस्तान लगातार सीमा पार आतंकवाद के जरिए जम्मू एवं कश्मीर को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है, जो कि पूरी तरह से अस्वीकार्य है।

भुवनेश्वर से भाजपा सांसद सारंगी ने पाकिस्तान की तरफ से जम्मू-कश्मीर मुद्दा उठाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा, हम पाकिस्तान की निंदा करते हैं, जो इस वैश्विक मंच पर ऐसे राजनीतिक मुद्दे उठाता है, जो इस असेंबली के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते। पाकिस्तान का उद्देश्य महज झूठा प्रचार करना और भारत की छवि को धूमिल करना है।

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के अध्यक्ष सादिक सरदार अयाज के बयान पर भारत के जवाब देने के अधिकार का प्रयोग करते हुए, एशिया-प्रशांत राष्ट्रों के समूह के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही सारंगी ने कहा, पाकिस्तान अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर के मुद्दों को उठाकर, इस अंतरराष्ट्रीय मंच का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहा है। जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर सारंगी के संबोधन की एक वीडियो क्लिप साझा की है, जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है और पाकिस्तान को अपने कब्जे वाले अवैध क्षेत्र (पीओके) को तुरंत खाली करना चाहिए।

सारंगी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को पहले अपने देश की स्थिति सुधारने पर ध्यान देना चाहिए, जहां मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन हो रहा है और अल्पसंख्यक समुदाय लगातार उत्पीड़न का शिकार हैं। भारतीय सांसद ने कहा कि पाकिस्तान बार-बार भारत पर झूठे आरोप लगाता है, जबकि सच्चाई यह है कि सीमा पार से आतंकवाद फैलाने वाला वही देश है। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाएगा और इस दिशा में कोई समझौता नहीं करेगा। जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था, है और रहेगा। पाकिस्तान को अब इस सच्चाई को स्वीकार कर लेना चाहिए।

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सांसद ने ‘भूख के चक्र को तोड़ना: खाद्य सुरक्षा पर ध्यान देना’ कार्यशाला में भी भाषण दिया। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना पर प्रकाश डाला। इसके बारे में उन्होंने कहा कि इसने भारत में 80 करोड़ लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है।

(रिपोर्ट. शाश्वत तिवारी)

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