एक दिन में 170 नक्सलियों ने डाले हथियार,  अमित शाह बोले – 2026 से पहले देश को नक्सलवाद से करेंगे मुक्त

Naxal surrender. छत्तीसगढ़ के बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई ने ऐतिहासिक मोड़ ले लिया है। यहां 170 से अधिक नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के सामने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में वापसी की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को नक्सलवाद के खिलाफ देश की जंग में निर्णायक दिन बताया और घोषणा की कि अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया गया है। ये वही इलाके हैं, जो दशकों तक नक्सलियों का गढ़ माने जाते थे।

गृह मंत्री ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, 1785 गिरफ्तार किए गए और 477 को मार गिराया गया है। शाह ने कहा कि अब नक्सलवाद का आखिरी अड्डा दक्षिण बस्तर में बचा है, जिसे जल्द ही सुरक्षा बल समाप्त कर देंगे। जो आत्मसमर्पण करेंगे, उनका स्वागत है, लेकिन जो हथियार उठाए रखेंगे, उन्हें हमारे बलों का सामना करना पड़ेगा।

258 नक्सलियों ने दो दिनों में डाले हथियार

यह आत्मसमर्पण गुरुवार को बीजापुर जिले में 110 नक्सलियों के सरेंडर के बाद हुआ। शुक्रवार को विभिन्न जिलों से 170 और नक्सलियों ने हथियार डाले, जबकि महाराष्ट्र में 61 नक्सलियों ने बुधवार को आत्मसमर्पण किया था। यानी, बीते दो दिनों में कुल 258 वामपंथी उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति की राह पकड़ी है।

वरिष्ठ नक्सली कमांडर भी शामिल

अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वालों में वरिष्ठ नक्सली कमांडर रुपेश और मारह डिवीजन इंचार्ज रणित भी शामिल हैं। रुपेश, जो नक्सलियों के उत्तर-पश्चिम सब-जोनल ब्यूरो के प्रभारी थे, ने अप्रैल में शांति वार्ता की पहल की थी और तब से सुरक्षा एजेंसियों के संपर्क में थे। उन्हें हाल ही में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी से केंद्रीय समिति के सदस्य के रूप में पदोन्नति मिली थी, बावजूद इसके उन्होंने सरेंडर का फैसला किया। रुपेश बीते 20 वर्षों से नक्सली संगठन में सक्रिय थे और भर्ती, लॉजिस्टिक्स तथा प्रचार कार्यों में प्रमुख भूमिका निभाते थे।

मुख्यमंत्री और गृह मंत्री रहेंगे मौजूद

सूत्रों के मुताबिक, जगदलपुर में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा की मौजूदगी में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और उनके हथियारों की औपचारिक प्रस्तुति की जाएगी। इस दौरान सरकार उन्हें पुनर्वास योजनाओं के तहत सहायता भी प्रदान करेगी।

अबूझमाड़ और कांकेर नक्सल मुक्त – विजय शर्मा

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कांकेर और अबूझमाड़ इलाके अब पूरी तरह सशस्त्र नक्सल मुक्त हो गए हैं, जबकि नारायणपुर और सुकमा भी जल्द ही इसी राह पर चलेंगे। बस्तर के स्थानीय लोग अब लाल आतंक नहीं चाहते। वे शांति, विकास और स्थिरता की दिशा में बढ़ना चाहते हैं।

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गृह मंत्री शाह ने कहा कि सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का पूर्ण उन्मूलन है। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि जो लोग बंदूक छोड़ देंगे, उन्हें मुख्यधारा में सम्मानजनक जीवन मिलेगा, लेकिन जो बंदूक उठाए रखेंगे, उनके लिए कानून का डंडा तय है।

बस्तर में यह आत्मसमर्पण अभियान न सिर्फ सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि अब देश के सबसे कठिन इलाकों में भी शांति और विकास की हवा बह रही है।

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