
Prayagraj . इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्रुखाबाद की पुलिस अधीक्षक (एसपी) आरती सिंह को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने मंगलवार को एक हैबियस कॉर्पस याचिका की सुनवाई के दौरान उन्हें हिरासत में लेने का मौखिक आदेश दिया। जस्टिस जेजे मुनीर और संजीव कुमार की खंडपीठ ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि आप किसी को धमका नहीं सकतीं। कोर्ट ने आदेश दिया कि एसपी आरती सिंह बुधवार 15 अक्टूबर दोपहर 12 बजे तक प्रयागराज नहीं छोड़ेंगी।
क्या है मामला?
फर्रुखाबाद निवासी प्रीति यादव की ओर से एडवोकेट संतोष पांडे ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया कि 8 सितंबर की रात कायमगंज पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा और परिवार के दो सदस्यों को बिना एफआईआर के हिरासत में ले लिया। दोनों को करीब सात दिन तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया और बाद में 14 सितंबर की रात को रिहा किया गया। आरोप है कि पुलिस ने जबरन एक लिखित बयान भी दिलवाया, जिसमें कहा गया कि कोई मुकदमा नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने मांगा जवाब, पुलिस नहीं दे सकी जवाब
मामले में हाईकोर्ट ने 9 अक्टूबर को आदेश जारी कर 14 अक्टूबर को एसपी फतेहगढ़, सीओ और एसएचओ कायमगंज को कोर्ट में पेश होकर सफाई देने का निर्देश दिया था। जब अधिकारी अदालत में पेश हुए तो संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। अदालत ने कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया में सीधा हस्तक्षेप है। कोर्ट ने एसपी आरती सिंह को प्रथम दृष्टया अवमानना का दोषी माना।
वकील के घर छापा, कोर्ट ने जताई नाराजगी
इस बीच फर्रुखाबाद पुलिस की एक टीम ने 11 अक्टूबर को वकील अवधेश मिश्रा के घर पर छापा मारा, तोड़फोड़ की, सीसीटीवी कैमरे तोड़े और डीवीआर जब्त कर लिया। पुलिस को शक था कि वही याचिका दाखिल करने में मदद कर रहे हैं। इस कार्रवाई को अदालत ने बिना एफआईआर के पुलिसिया आतंक करार दिया और तीखी नाराजगी जताई।

कोर्ट परिसर से वकील और बेटे को उठाया
मंगलवार को ही शाम 4 बजे हाईकोर्ट परिसर से पुलिस ने वकील अवधेश मिश्र और उनके बेटे को जबरन हिरासत में ले लिया। बाद में इस मामले को दोबारा कोर्ट में उठाया गया, जिसके बाद दोनों को रिहा किया गया।
अदालत का निर्देश
कोर्ट ने कहा है कि एसपी आरती सिंह बुधवार तक प्रयागराज में ही रहेंगी और मामले में जवाब दाखिल किए बिना लौट नहीं सकेंगी। साथ ही किसी भी पुलिसकर्मी को याचिकाकर्ता प्रीति यादव से संपर्क करने पर रोक लगाई गई है।
कौन हैं आरती सिंह?
आरती सिंह 2017 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। मध्यप्रदेश के सिंगरौली की निवासी आरती ने यूपीएससी में 118वीं रैंक हासिल की थी। उनके पति अनिरुद्ध सिंह भी आईपीएस हैं। इससे पहले बनारस में तैनाती के दौरान उन पर मकान मालिक को किराया न देने का भी आरोप लग चुका है।