Sonbhadra News: एनटीपीसी सिंगरौली ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्र हित उठाया बड़ा कदम 

भारत के प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना एनटीपीसी सिगरौली का सराहनीय कदम

Sonbhadra News: एनटीपीसी सिंगरौली शक्तिनगर में विस्तारीकरण का कार्य तीव्र गति से जारी है। जहां तृतीय चरण के लिए 800-800 मेगावॉट की दो इकाईयों की स्थापना की जानी है। देश हित में चल रहे इस विस्तारीकरण कार्य को लेकर अधिकारी वर्ग रात दिन सतत प्रयासरत है। सम्बंधित अधिकारी ने बताया कि यह योजना भारत के प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना है। जिसके तहत विद्युत आत्मनिर्भरता बढ़ाते हुए एनटीपीसी तृतीय चरण के विकास के लिए चक भूमि एजेंसी को प्रदान कर रहा है। वहीं कुछ आवांछित तत्व कोटा बस्ती में व्यवधान खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ एनटीपीसी विधि सम्मत कार्रवाई करेगा। गौरतलब है कि परियोजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना है और प्रदेश सरकार इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। जहां जिला प्रशासन का भी सहयोग एनटीपीसी को मिल रहा है। बताया जा रहा है कि हाल ही में एसडीएम ने आकर परियोजना स्थल का निरीक्षण किया था। वहीं प्रशासनिक अधिकारी लगातार आकर परियोजना विस्तारीकरण कार्य के प्रति अपना सहयोग और निरीक्षण कर रहे है। उन्होंने कहा कि इस योजना के विस्तार के लिए जन सहयोग की भी आवश्यकता रहती है और उन्हें यह सहयोग लगातार मिल रहा है। फिर भी कुछ आवांछित तत्व होते हैं जो विकास कार्य में बाधा डालने का प्रयास करते हैं। ऐसे तत्वों पर भी विभाग की पैनी नजर है और इस मामले में प्रशासनिक सहयोग भी मिल रहा है। उन्होंने बताया कि विस्तारीकरण योजना के लिए एनटीपीसी अपनी जमीन जो कि लोगों के द्वारा वर्षों पहले कब्जा कर ली गई थी उसे खाली कराने के भी प्रयास किए जा रहे है। जहां पूर्व में ज्वालामुखी कालोनी की अधिगृहीत जमीनों को खाली कराने के बाद विस्तारीकरण कार्य को गति मिल सकी है।

कोटा बस्ती क्षेत्र की जमीन को खाली कराने के प्रयास

बताया जाता है कि कोटा ग्राम पंचायत में एनटीपीसी की जमीन पर वर्षों से कब्जा किया गया था जिसे खाली कराये जाने का प्रयास चल रहा है। बताया जाता है कि जहां कुछ लोगों का सहयोग प्रबंधन को मिला है वहीं कुछ आवांछित तत्वों के द्वारा व्यवधान डालने की कोशिश की गई। कहा कि सरकारी जमीन पर जब तक लोगों ने कब्जा कर कमाया खाया, सरकार ने उसका मुआवजा नहीं लिया, लेकिन अब जब सरकार को विकास के लिए जमीन की आवश्यकता है तो सरकार अपनी जमीन खाली कराने का प्रयास कर रही है। यहीं स्थिति एनटीपीसी के सामने भी आई है, लेकिन विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए एनटीपीसी आवांछित तत्वों पर विधि सम्मत कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगा।

 

सीएसआर के तहत लगभग 400 करोड़ से किया विस्तार

एनटीपीसी ने अपने नैगमिक दायित्वों के तहत विस्थापित क्षेत्रों का सतत विकास किया है। जहां शुरुआती दौर में परियोजना लागत के दो प्रतिशत अर्थात 400 करोड़ से चिल्काडांड सहित विस्थापित स्थलों का विकास किया जा चुका है। बताया जाता है कि सुप्रीम कोर्ट के 1990 के आदेशों के तहत विकास की प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए एनटीपीसी सदैव तत्पर रहा है। लेकिन लोगों के द्वारा अवैध कब्जा करने की मानसिकता पर कुछ नहीं कहा जा सकता। जहां लोगों ने नाले की भूमि पर कब्जा कर लिया वहीं कटियामार कर विद्युत चोरी के भी प्रयास किए जाते रहे हैं। इस सब के बाद भी एनटीपीसी अपने नैगमिक दायित्वों के तहत विकास कार्य को प्राथमिकता दे रहा है। वर्तमान में संडे मार्केट में बहुत से विकास कार्य चल रहे हैं। वहीं ज्वालामुखी में भी बहुत से विकास कार्य कराये जा चुके हैं।

उच्चाधिकारियों द्वारा भी कार्य का निरीक्षण

बताया जाता है कि क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक उत्तर एनटीपीसी लिमिटेड ने एनटीपीसी सिंगरौली के स्टेज-3 प्लांट के प्रगति कार्य का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में विद्युत गृह के कामकाज की गहन समीक्षा करते हुए भारत सरकार की विद्युत प्राथमिकताओं के अनुसार गुणात्मक भावी कार्य योजना के संबंध में उचित दिशाए निर्देश भी दिए।

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