
UP News-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोप में दी गई आजीवन कारावास की सजा को घटाकर 10 साल की कैद कर दी है। साथ ही 13 साल से जेल में बंद कैदी को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है।
यह फैसला न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति तेज प्रताप तिवारी की खंडपीठ ने मुन्ना लाल की ओर से दाखिल जेल अपील पर सुनवाई करते हुए सुनाया।
कीडगंज थाना क्षेत्र निवासी मुन्ना लाल के खिलाफ पीड़िता के पिता की तहरीर पर दुष्कर्म और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था। ट्रायल कोर्ट ने 2017 में मुन्ना लाल को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
जेल अपील में याची पक्ष के अधिवक्ता अतुल कुमार श्रीवास्तव और वकार अहमद ने तर्क दिया कि मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई। साथ ही पॉक्सो कानून के तहत अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है। इस आधार पर आजीवन कारावास की सजा कानूनी रूप से उचित नहीं है।
कोर्ट ने इन दलीलों पर सहमति जताते हुए कहा कि आरोपी पहले ही 13 साल की कैद काट चुका है और वह नैनी जेल में बंद है। इसलिए उसे रिहा किया जाना चाहिए।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज
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