
Prayagraj News: भारतीय रेलवे द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान के अंतर्गत आज प्रयागराज जंक्शन पर कार्यकारी निदेशक, रेलवे भर्ती बोर्ड/रेलवे बोर्ड, श्री राजीव गांधी के नेतृत्व में स्वच्छता शपथ दिलाई गई तथा अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश दिया।
इस अवसर पर मंडल रेल प्रबंधक श्री रजनीश अग्रवाल, अपर मंडल रेल प्रबंधक (सामान्य) श्री दीपक कुमार, वरिष्ठ पर्यावरण एवं रखरखाव प्रबंधक श्री आलोक केसरवानी, स्टेशन निदेशक श्री वी. के. द्विवेदी सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
ज्ञात हो कि भारतीय रेलवे द्वारा 17 सितम्बर से 2 अक्तूबर 2025 तक चलाए जा रहे इस विशेष अभियान के अंतर्गत प्रयागराज मंडल के विभिन्न स्टेशनों, गाड़ियों, रेलवे कालोनियों एवं परिसरों में स्वच्छता शपथ, नुक्कड़ नाटक, वृक्षारोपण, श्रमदान, प्लास्टिक उपयोग में कमी, बोतल क्रशिंग मशीन की जांच सहित कई गतिविधियाँ आयोजित की जा रही हैं।
इसी क्रम में कार्यकारी निदेशक, रेलवे भर्ती बोर्ड/रेलवे बोर्ड, श्री राजीव गांधी ने स्वच्छता के प्रति उपस्थित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को निम्न शपथ दिलायी:-
“महात्मा गांधी ने जिस भारत का सपना देखा था उसमें सिर्फ राजनैतिक आजादी ही नहीं थी, बल्कि एक स्वच्छ एवं विकसित देश की कल्पना भी थी । महात्मा गांधी ने गुलामी की जंजीरों को तोड़कर माँ भारती को आज़ाद कराया । अब हमारा कर्तव्य है कि गंदगी को दूर करके भारत माता की सेवा करें । मैं शपथ लेता हूं कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा और उसके लिए समय दूंगा । हर वर्ष 100 घंटे यानी हर सप्ताह 2 घंटे श्रमदान करके स्वच्छता के इस संकल्प को चरितार्थ करूंगा । मैं न गंदगी करूंगा न किसी और को करने दूंगा । सबसे पहले मैं स्वयं से, मेरे परिवार से, मेरे मुहल्ले से, मेरे गांव से एवं मेरे कार्यस्थल से शुरुआत करूंगा । मैं यह मानता हूं कि दुनिया के जो भी देश स्वच्छ दिखते हैं उसका कारण यह है कि वहां के नागरिक गंदगी नहीं करते और न ही होने देते हैं । इस विचार के साथ मैं गांव-गांव और गली-गली स्वच्छ भारत मिशन का प्रचार करूंगा । मैं आज जो शपथ ले रहा हूं, वह अन्य 100 व्यक्तियों से भी करवाऊंगा । वे भी मेरी तरह स्वच्छता के लिए 100 घंटे दें, इसके लिए प्रयास करूंगा । मुझे मालूम है कि स्वच्छता की तरफ बढ़ाया गया मेरा एक कदम पूरे भारत देश को स्वच्छ बनाने में मदद करेगा।“