Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की चुनावी गाय को कितना दुहोगे? सीटों का संकट बढ़ा

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से ठीक पहले NDA और INDIA गठबंधन दोनों ओर सीटों के बंटवारे को लेकर मंथन तेज है। चिराग पासवान से लेकर कांग्रेस तक, हर नेता अपनी ताकत के मुताबिक अधिकतम सीटें हासिल करने की जद्दोजहद में जुटा हुआ है।

NDA के घटक दलों की मांग

एनडीए में शामिल प्रमुख दलों ने अपनी-अपनी मांगें तय कर रखी हैं:

  • चिराग पासवान (लोक जनशक्ति पार्टी): 40 सीटें
  • जीतन राम मांझी (हिन्दुस्तान अवामी मोर्चा): 20 सीटें
  • उपेन्द्र कुशवाहा (आरलोक लोकतान्त्रिक पार्टी): 10 सीटें

हर छोटे दल की यह उम्मीद है कि अधिक सीटें मिलने पर उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा बनी रहेगी, लेकिन जीत का जायजा कोई सामने नहीं ला रहा।

INDIA गठबंधन की सीटों की अर्जी

इंडिया ब्लॉक में भी हलचल कम नहीं है:

  • कांग्रेस: 76 सीटों के लिए अर्जी
  • मुकेश सहनी (वीआईपी): लगभग 60 सीटें + हर हाल में डिप्टी सीएम पद
  • CPI(M–ML) माले: 40 सीटें
  • CPI: 11 सीटें

इन्हीं मांगों के बीच यह सवाल अधूरा रह गया है कि इन सीटों में से कौन कितनी जीत पाएगा।

जातीय समीकरण और मोल-तोल

दोनों गठबंधन अपने-अपने घटक दलों की जातीय ताकत को ध्यान में रखकर सीटों का बंटवारा कर रहे हैं। राजनीतिक विश्लेषक चेतावनी दे रहे हैं कि अगर दबाव ही बचा रहे और राजनीतिक सामंजस्य न बना, तो पूरे गठबंधन का बिगुल बज सकता है।

राजनीति ही रह गई सीटों की बढ़ोतरी में

राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि यह सब “प्रेशर पॉलिटिक्स” का हिस्सा है। सीटों की संख्या बढ़ती ही जा रही है, पर जमीनी हकीकत—मतलब जीत की संभावनाएं—उनके बयानों में गायब हैं। ऐसे में वोटर भी यह अंदाजा नहीं लगा पा रहे कि आखिर किस गठबंधन को कितना फायदा होगा।

बिहार की सियासत फिलहाल मोल-तोल और दांव-पेंच में उलझी हुई है। एनडीए हो या इंडिया, दोनों गठबंधन “लड्डू की हसरत” में हैं, पर एक हाथ का लड्डू भी गिर सकता है। अब आख़िरी फैसला विधानसभा चुनाव के मतगणना के बाद ही सामने आएगा। अधिकारियों के मुताबिक, सीटों के इस खेल में अंतिम कटौती और अंतिम घोषणा पार्टी मुख्यालयों से पहले नहीं होगी। अगले कुछ दिनों में दोनों गठबंधनों की संयुक्त बैठकें और दावे—दोनों ओर से—अंदरूनी चर्चाओं के बाद ही सार्वजनिक होंगे।

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