
Prayagraj News-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के एक आरोपी की पुनरीक्षण याचिका खारिज कर दी। आरोपी ने पहले स्वयं को नाबालिग बताते हुए दस्तावेज न होने की बात कही और ओसीफिकेशन टेस्ट कराए जाने पर उसकी आयु 19 वर्ष पाई गई। इसके बाद उसने कक्षा नौ का दस्तावेज प्रस्तुत किया, जिसमें भी घटना के दिन उसकी आयु 18 वर्ष दर्ज थी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर मामले में अपील हुई, जहाँ विद्यालय के प्रधानाचार्य ने माना कि छात्र रजिस्टर में कटिंग की गई है। हाईकोर्ट ने कहा कि आरोपी गंभीर अपराध में लिप्त है और नाबालिग साबित करने के लिए विरोधाभासी स्टैंड ले रहा है। ऐसे में किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी जा सकती।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज
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