
UP News-सोरांव के महरूडीह ग्राम सभा की 16 करोड़ की जमीन को भूमाफियाओं ने 1993 का फर्जी पट्टा दिखाकर अपने नाम करा लिया था। उक्त कीमती जमीन को भूमाफियाओं ने प्लाटिंग करने की योजना बनाई थी। मामले में मलाक हरहर की पार्षद आरती मौर्य ने इसकी शिकायत डीएम से दर्ज कराई थी। डीएम के निर्देश पर एसडीएम ने जांच कराई और फर्जीवाड़ा पाए जाने पर जमीन वापस ग्राम पंचायत के नाम दर्ज करा दी गई। मामले में आरोपियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने का आदेश भी दिया। उक्त जमीन पर सरकारी अस्पताल बनाने की योजना है।
सोरांव तहसील का महरूडीह गांव जो नगर निगम में शामिल हो गया है। गांव की लगभग एक बीघा आठ बिस्वा जमीन जो बंजर खाते में दर्ज थी उसे भूमाफियाओं ने फर्जी पट्टा दिखाकर अपने नाम दर्ज करा लिया। मामले में वार्ड संख्या 39 मलाक हरहर की पार्षद आरती मौर्य व प्रमोद मौर्य ने शिकायत की तो इसकी जांच कराई गई।
प्रयागराज-लखनऊ राजमार्ग पर स्थित लगभग 16 करोड़ रुपये कीमत की ग्राम पंचायत की जमीन के अभिलेखों की जांच के बाद पता चला कि पुराने कागज पर नई स्याही का प्रयोग कर उक्त पट्टा दिखाया गया था। जांच में एसडीएम के फर्जी हस्ताक्षर और नई स्याही का इस्तेमाल होने पर फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। उक्त जमीन को भूमाफिया ने फर्जी दस्तावेज के सहारे अपने और परिवार के नाम दर्ज करा लिया था।
एसडीएम ने जांच नायब तहसीलदार मध्यवर्ती से कराई तो पता चला कि महरूडीह गांव निवासी हीरालाल यादव पुत्र रणविजय एवं कुसुम देवी पत्नी हीरालाल यादव का नाम दर्ज होने की शिकायत सही है। उक्त जमीन सरकारी अस्पताल के लिए दिए जाने की योजना है। जहां सरकारी अस्पताल बनाया जाएगा। बताया गया कि यह जमीन पहले से ही अस्पताल के लिए चिह्नित थी, मगर इस बीच भूमाफिया ने ग्राम सभा की इस जमीन को फर्जी तरीके से अपने नाम करा लिया था।
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रिपोर्ट संजीव गुप्ता सोरांव