
Global Diplomacy on Modi’s Birthday: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूरोपीय यूनियन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने उन्हें शुभकामनाएं दीं। लेकिन इन औपचारिक बधाइयों के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध का मुद्दा हर बातचीत में प्रमुखता से उठा, जिससे संकेत मिलते हैं कि भारत को वैश्विक शांति वार्ता में एक निर्णायक भूमिका देने की तैयारी हो रही है।
ट्रंप की कॉल: बर्थडे विश से शांति वार्ता तक
डोनाल्ड ट्रंप ने मोदी को “हैप्पी बर्थडे, माय फ्रेंड!” कहकर शुभकामनाएं दीं और इंडिया-US ट्रेड डील पर चर्चा की। लेकिन बीच में रूस-यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए उन्होंने मोदी को शांति प्रयासों के लिए धन्यवाद दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप भारत को यूक्रेन संकट के समाधान में शामिल करना चाहते हैं, क्योंकि भारत का रूस से पुराना और भरोसेमंद रिश्ता है। फॉरेन पॉलिसी एक्सपर्ट रिचर्ड रॉसो के अनुसार, भारत अब एक ग्लोबल पीसमेकर के रूप में उभर रहा है। मोदी की संतुलित विदेश नीति और संवाद को प्राथमिकता देने की रणनीति उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त बनाती है।
पुतिन से भी हुई चर्चा, यूक्रेन मुद्दा फिर उठा
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी मोदी को फोन कर जन्मदिन की बधाई दी और भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की। लेकिन यूक्रेन युद्ध का मुद्दा यहां भी छाया रहा। यह पहली बार नहीं है जब मोदी ने पुतिन से युद्ध समाप्त करने की अपील की हो—2022 की समरकंद बैठक में उन्होंने स्पष्ट कहा था, “यह युद्ध का समय नहीं है।” भारत ने हमेशा संवाद और कूटनीति का समर्थन किया है। 2025 में भारत ने रूस-बेलारूस सैन्य अभ्यास में भाग लिया, जिससे दोनों देशों के मजबूत संबंधों की पुष्टि होती है। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत इन संबंधों का उपयोग शांति स्थापना के लिए कर सकता है।
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दुनिया के बड़े नेता अब भारत की मध्यस्थता की क्षमता को गंभीरता से देख रहे हैं। मोदी की वैश्विक स्वीकार्यता और संतुलित दृष्टिकोण उन्हें रूस-यूक्रेन संकट में एक संभावित समाधानकर्ता बना सकता है। जन्मदिन की शुभकामनाओं के पीछे कूटनीतिक खिचड़ी पक रही है—जिसका स्वाद शांति हो सकता है।