
New Delhi: मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से औपचारिक मुलाकात की। यह भेंट उनकी 9 से 16 सितंबर तक चली भारत की राजकीय यात्रा का अंतिम चरण थी, जिसमें उन्होंने देश के कई सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों का दौरा किया।
सांस्कृतिक स्थलों का व्यापक दौरा
प्रधानमंत्री रामगुलाम ने अपनी यात्रा के दौरान भारत के विभिन्न शहरों का भ्रमण किया, जिनमें शामिल हैं:
- मुंबई
- वाराणसी
- अयोध्या
- ऋषिकेश और हरिद्वार (उत्तराखंड)
- तिरुपति
यह दौरा भारत-मॉरीशस के सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।
भारत की विदेश नीति में मॉरीशस का विशेष स्थान
राष्ट्रपति मुर्मु ने प्रधानमंत्री रामगुलाम और उनके प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा:
“भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति, ‘महासागर विजन’ और वैश्विक दक्षिण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में मॉरीशस का विशेष स्थान है।”
उन्होंने दोनों देशों के बीच बढ़ते सहयोग और साझेदारी पर प्रसन्नता व्यक्त की।
रणनीतिक साझेदारी को मिला नया आयाम
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और मॉरीशस के संबंध अब संवर्धित रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक पहुंच चुके हैं। यह सहयोग व्यापार, शिक्षा, संस्कृति, और समुद्री सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में और मजबूती लाने की दिशा में अग्रसर है।
New Delhi: also read- Hardik Pandya and Mahika Sharma Controversy: हार्दिक पांड्या और माहिका शर्मा के रिश्ते की अफवाहें बनीं चर्चा का विषय
झा विरासत पर बल
राष्ट्रपति सचिवालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और मॉरीशस के संबंध:
- साझा इतिहास
- भाषा
- संस्कृति
- मूल्यों
में निहित हैं। राष्ट्रपति मुर्मु ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री रामगुलाम के नेतृत्व अनुभव से द्विपक्षीय संबंध और सुदृढ़ होंगे। यह मुलाकात भारत और मॉरीशस के बीच गहराते रिश्तों की एक और मिसाल है, जो आने वाले समय में क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक साझेदारी को नई दिशा दे सकती है।