
Prayagraj News-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दहेज उत्पीड़न, मारपीट और छेड़खानी से जुड़े एक मामले में नंद दीक्षा कटियार, आकांक्षा कटियार और नंदोई बृजेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है। साथ ही शिकायतकर्ता स्वाती कटियार को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
यह मामला न्यायिक मजिस्ट्रेट, कानपुर द्वारा पुलिस चार्जशीट पर संज्ञान लेने से जुड़ा था। स्वाती कटियार ने अपने पति शिवम कटियार, सास, नंद, नंदोई समेत अन्य पर दहेज मांगने और उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए थाना गोविंदनगर, कानपुर में मुकदमा दर्ज कराया था।
याचिकाकर्ताओं का पक्ष
याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बहस में कहा कि घटना के दिन दीक्षा कटियार इलाज कराने ससुराल आई थीं, जहाँ आकांक्षा और उनके पति मौजूद थे। इसके बाद 27 मई 2024 को तीनों मलेशिया चले गए थे। आरोप लगाया गया कि शिकायतकर्ता ने पूरे परिवार को झूठे मामले में फंसाया और देवर पर छेड़खानी का भी आरोप लगाया।
याचिकाकर्ताओं ने यह भी बताया कि स्वाती कटियार बार-बार ससुराल की संपत्ति अपने नाम कराने का दबाव बना रही थीं। विवाद बढ़ने पर सास प्रभा कटियार ने अदालत के जरिए उन्हें संपत्ति से बेदखल कराया। इसके बाद भी विवाद चलता रहा और स्वाती ने पुनः उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया।
हाईकोर्ट का आदेश
न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल ने सभी तथ्यों पर गौर करते हुए नंद और नंदोई के खिलाफ उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर रोक लगाई तथा शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसे पारिवारिक विवादों में झूठे आरोपों से बचाव का एक अहम आदेश माना जा रहा है।
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रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज