
Auraiya samachar: जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कानपुर की पालीवाल पैथोलॉजी लैब पर एचआईवी की गलत रिपोर्ट देने के मामले में सख्त कार्रवाई की है। आयोग ने पैथोलॉजी, संबंधित डॉक्टर और बीमा कंपनी को संयुक्त रूप से एक महिला को डेढ़ लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। इसके अतिरिक्त, उन्हें 20 जुलाई, 2023 से 6% वार्षिक ब्याज और ₹7,000 मुकदमे का खर्च भी देना होगा।
मानसिक पीड़ा और अपमान का मामला
यह मामला 12 जून, 2023 का है। औरैया की एक 30 वर्षीय महिला पेट दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल पहुंची थीं, जहां उनका एलिसा स्क्रीनिंग टेस्ट कराया गया। पालीवाल पैथोलॉजी लैब की रिपोर्ट में उन्हें एचआईवी पॉजिटिव बताया गया, जिससे महिला और उनके परिवार को मानसिक पीड़ा और सामाजिक अपमान झेलना पड़ा। हालांकि, दूसरी जगह जांच कराने पर महिला एचआईवी नेगेटिव पाई गईं, जिसके बाद उन्होंने उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया।
आयोग ने लैब की लापरवाही को माना
पीड़िता की ओर से अधिवक्ता संजीव पांडेय ने पैरवी की। सुनवाई के दौरान, आयोग ने पाया कि पालीवाल पैथोलॉजी और संबंधित डॉक्टरों ने रिपोर्ट तैयार करने में गंभीर लापरवाही बरती थी। आयोग ने स्पष्ट किया कि ऐसी गलत रिपोर्ट से न केवल मरीज बल्कि उनके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा भी प्रभावित होती है और उन्हें गंभीर मानसिक आघात पहुंचता है।
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पालीवाल पैथोलॉजी ने अपनी सफाई में किसी भी गलती से इनकार किया, लेकिन रिकॉर्ड और रिपोर्टों की गहन जांच के बाद आयोग ने उनकी दलीलों को खारिज कर दिया। आयोग ने अपने फैसले में कहा कि गलत रिपोर्ट के कारण हुई मानसिक प्रताड़ना और अपमान के लिए मुआवजा और ब्याज देना अनिवार्य है।