
Prayagraj News-श्री बांके बिहारी मंदिर को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 25 मई 2025 को जारी किए गए अध्यादेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कहा गया है कि इस अध्यादेश के जरिए सरकार मंदिर पर अप्रत्यक्ष रूप से कब्जा जमाना चाहती है। दूसरी ओर, प्रदेश सरकार ने कोर्ट को अवगत कराया कि संबंधित अध्यादेश अब अप्रासंगिक हो चुका है, क्योंकि विधानसभा में नया एक्ट पारित हो चुका है और केवल राज्यपाल की स्वीकृति बाकी है।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने कहा कि जैसे ही एक्ट की प्रति प्राप्त होगी, वे याचिका में संशोधन कर उसकी संवैधानिकता को भी चुनौती देंगे।
सुप्रीम कोर्ट की अनुमति पर दाखिल नई याचिका
बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने इस अध्यादेश अथवा एक्ट को चुनौती देने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की छूट दी है। इसी आधार पर एक और याचिका भी दाखिल की गई है। मामले की सुनवाई जस्टिस अरिंदम सिन्हा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने की।
मंदिर सेवायतों का पक्ष
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि बांके बिहारी जी का मंदिर सेवायतों का निजी मंदिर है। परंपरा के अनुसार सेवायत अपने-अपने निर्धारित समय पर भगवान की सेवा करते हैं।
Prayagraj News-Read Also-Prayagraj News-बुंदेलखंड में लापता 4250 तालाबों और जलाशयों पर हाईकोर्ट सख्त
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज