
Lucknow news: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य को लेदर और फुटवियर उद्योग का वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में उत्तर प्रदेश फुटवियर, लेदर और नॉन लेदर विकास क्षेत्र नीति 2025 को लागू किया है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य उद्योगों को आसान सुविधाएं प्रदान करना, लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना और राज्य के उत्पादों को वैश्विक बाजार में पहचान दिलाना है। इस नई नीति से प्रदेश में औद्योगिक निवेश, रोजगार और वैश्विक पहचान को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
प्रमुख विशेषताएं और नीति के सात स्तंभ
नई नीति के तहत, सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बनाई है ताकि यह लक्ष्य हासिल किया जा सके। ये पहल सात प्रमुख स्तंभों पर आधारित हैं:
- भूमि बैंक और लेदर पार्क: सरकार बड़े भूखंडों को चिन्हित करके लैंड बैंक और समर्पित लेदर पार्क विकसित करेगी। इन पार्कों में “प्लग-एंड-प्ले” जैसी आधुनिक सुविधाएं, अपशिष्ट उपचार संयंत्र और अन्य जरूरी बुनियादी ढांचे मौजूद होंगे।
- त्वरित भूमि आवंटन: भूमि आवंटन की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक सिंगल विंडो सिस्टम स्थापित किया जाएगा, जिसके माध्यम से मेगा एंकर यूनिट्स और क्लस्टरों को प्राथमिकता के आधार पर जमीन दी जाएगी।
- निर्माण और उपकरण उद्योग को बढ़ावा: इस नीति के तहत न केवल लेदर और नॉन-लेदर उत्पादों के निर्माण को प्रोत्साहन मिलेगा, बल्कि उनके लिए आवश्यक उपकरण और मशीनरी बनाने वाली इकाइयों को भी सहयोग दिया जाएगा।
- कौशल विकास और रोजगार: स्थानीय युवाओं को रोजगार योग्य बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण केंद्रों और इंडस्ट्री-केंद्रित पाठ्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसमें महिलाओं और दिव्यांगजनों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
- आरएंडडी और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: नवाचार को बढ़ावा देने के लिए फुटवियर और लेदर डिज़ाइन, ऑटोमेशन और स्मार्ट टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में कम से कम 10 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाएंगे।
- ग्लोबल विजिबिलिटी: उत्तर प्रदेश के उत्पादों का निर्यात बढ़ाने के लिए परिवहन लागत पर सब्सिडी, अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भागीदारी और वैश्विक प्रमाणन प्राप्त करने में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
- सस्टेनेबिलिटी: इस नीति में पर्यावरण-अनुकूल उत्पादन प्रक्रियाओं को भी प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण, अपशिष्ट प्रबंधन और नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।
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यह नीति उत्तर प्रदेश को एक मजबूत औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने और भारत के साथ-साथ विश्व के लेदर उद्योग में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाने में मदद कर सकती है।