Prayagraj News-घटना स्थल पर मौजूदगी व उकसाने मात्र से समान उद्देश्य सिद्ध नहीं — हाईकोर्ट

Prayagraj News-इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी अपराध के दौरान केवल घटना स्थल पर मौजूद रहना या उकसाना भर, समान उद्देश्य से अपराध करने का पर्याप्त प्रमाण नहीं है। साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने हत्या के आरोपी विजय उर्फ बब्बन की उम्रकैद की सजा रद्द करते हुए उसकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया।

न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति मदन पाल सिंह की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया। मामला झांसी के नवाबाद थाने का है, जहां 17 दिसंबर 1983 को बशीर शाह की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ता बहादुर शाह अपने भाई बशीर और एक अन्य के साथ घर लौट रहे थे, तभी नरेंद्र कोरी और विजय मिले। नरेंद्र ने गाली-गलौज की, विजय ने मारने के लिए उकसाया और नरेंद्र ने चाकू से हमला कर दिया।

सत्र न्यायालय ने विजय और नरेंद्र को उम्रकैद की सजा दी थी, लेकिन अपील के दौरान नरेंद्र की मृत्यु हो गई। हाईकोर्ट ने पाया कि अभियोजन विजय के खिलाफ साझा इरादे का ठोस सबूत पेश नहीं कर सका। गवाहों के बयान और एफआईआर में भी विसंगतियां थीं। ऐसे में कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए विजय को सभी आरोपों से बरी कर दिया।

Prayagraj News-Read Also-Prayagraj News-तिरंगा यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक

रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज

Show More

Related Articles

Back to top button