
Prayagra News-“गुलाम भारत में जिन्होंने आज़ादी के लिए अपनी शहादत दी, उन्हीं की वजह से आज हम खुली हवा में सांस ले रहे हैं।” यह बात न्यायमूर्ति सुधीर नारायण ने “एक रोशनी शहीदों के नाम” कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि शहीद वॉल पर आकर लोगों को देखना चाहिए कि आम नागरिकों ने भी कितना अदम्य साहस दिखाया है।
भाजपा शहर अध्यक्ष संजय गुप्ता ने कहा कि तिरंगा यात्रा का समापन शहीद वॉल पर करना गर्व की बात है। उन्होंने युवाओं से शहीदों की जीवनी से प्रेरणा लेने की अपील की।
शहीद वॉल के संस्थापक वीरेंद्र पाठक ने बताया कि 12 अगस्त 1942 का दिन प्रयागराज के इतिहास में अमर है। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान इलाहाबाद विश्वविद्यालय से निकले जुलूस में एक युवती तिरंगा लेकर आगे बढ़ रही थी। अंग्रेज अफसरों ने लौटने का आदेश दिया, लेकिन जब वह झुकने लगी तो 21 वर्षीय लाल पद्मधर ने तिरंगा थाम लिया और सीना तानकर खड़े हो गए। गोली चलते ही उनका सीना छलनी हो गया, लेकिन तिरंगा तब ही उनके हाथ से छूटा जब उनका जीवन समाप्त हो गया।
इसी दिन लोकनाथ चौक में 12 वर्षीय रमेश मालवीय को बलूच रेजीमेंट के कप्तान की आंख में ईंट मारने के बाद गोली मार दी गई। बैजनाथ प्रसाद गुप्त मशीनगन की गोली से शहीद हुए, जबकि 30 वर्षीय ननका हेला जमादार भी सत्याग्रह आंदोलन में गोलीबारी के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए।
इन वीरों की स्मृति में शहीद वॉल पर आयोजित कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन कर श्रद्धांजलि दी गई। डॉ. प्रमोद शुक्ला ने संचालन किया और कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान एवं पुलिस बैंड वादन के साथ हुआ।
उपस्थित प्रमुख लोग:
कैप्टन पी. के. मिश्रा, सूबेदार लल्लन मिश्रा, नायब सूबेदार सी. एल. सिंह, नायब सूबेदार नारायण यादव, नायब सूबेदार सत्यपाल श्रीवास्तव, नायब सूबेदार प्रमोद सिंह, सूबेदार ओ. पी. पाण्डेय, रमेश चन्द्र हेला, रघुनाथ द्विवेदी, जगतनारायण तिवारी, शशिकांत मिश्र, विक्रम मालवीय, डॉ. श्रवण मिश्र, सनी शर्मा, ऋषभ तिवारी, आनंद प्रकाश दीक्षित, विकास मिश्र, मनोज श्रीवास्तव, अजय श्रीवास्तव, हेमंत बनर्जी, विजय श्रीवास्तव, विवेक मिश्रा, अर्चना शुक्ला, सुनील पांडे समेत बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित रहे।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा
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