
Prayagraj News: इलाहाबाद हाईकोर्ट में शिशु आहार कक्ष (क्रैच) स्थापित करने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने हाईकोर्ट की संबंधित समिति को इस संबंध में निर्णय लेने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान दी गई जानकारी के अनुसार, नए हाईकोर्ट मुख्य भवन में क्रैच के लिए तीन कमरे चिन्हित किए जा सकते हैं। इस पर मुख्य न्यायमूर्ति अरुण भंसाली और न्यायमूर्ति क्षितिज शैलेंद्र की खंडपीठ ने समिति को अंतिम निर्णय लेने का आदेश दिया। अदालत ने यह भी कहा कि क्रैच नवनिर्मित भवन में प्रस्तावित है, लेकिन मुख्य भवन में भी इस सुविधा की संभावना पर विचार किया जाए।
अधिवक्ता जाह्नवी सिंह ने याचिका में तर्क दिया कि महिला कर्मचारियों और महिला अधिवक्ताओं के हित में क्रैच आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सहित देश के कई उच्च न्यायालयों में उच्च गुणवत्ता वाले क्रैच संचालित हो रहे हैं, इसलिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में भी उसी तर्ज पर यह सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए।
पूर्व में अदालत ने हाईकोर्ट प्रशासन और पीडब्ल्यूडी से इस विषय में रिपोर्ट मांगी थी। इसके जवाब में तीन कमरों के उपलब्ध होने की जानकारी दी गई थी।
रिपोर्ट: राजेश मिश्रा प्रयागराज