Pratapgarh news: भाजपा सरकार की नीतियों पर कांग्रेस का हमला, मोना और प्रमोद तिवारी ने उठाए गंभीर सवाल

Pratapgarh news: कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर आम आदमी और किसानों के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। प्रतापगढ़ में आयोजित अलग-अलग कार्यक्रमों में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ और राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने सरकार की नीतियों की तीखी आलोचना की है।

मोना का आरोप: सरकार हर मोर्चे पर विफल

रामपुर खास विधानसभा क्षेत्र के संग्रामगढ़ में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने कहा कि भाजपा सरकार कृषि, बिजली, शिक्षा और रोजगार जैसे सभी मोर्चों पर पूरी तरह विफल हो चुकी है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से जनता से जुड़े मुद्दों पर संघर्ष तेज करने का आह्वान किया।

शिक्षा और किसान पर निशाना:

  • मोना ने कहा कि सरकारी प्राथमिक स्कूलों को ‘मर्जर’ करने का फैसला गरीबों के बच्चों की शिक्षा को बाधित कर रहा है।
  • उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को एमएसपी देना तो दूर, समय पर खाद और बीज भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है।
  • रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सरकार की चहेती कंपनियां युवाओं को नौकरी से निकाल रही हैं, जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है।

बिजली के निजीकरण पर चिंता: मोना ने बिजली के निजीकरण के फैसले को पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि इससे गरीब और मध्यम वर्ग के घरों में चूल्हे की आग ठंडी हो रही है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से जनसंवाद मजबूत करने और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष करने का आग्रह किया।

प्रमोद तिवारी का हमला: अमेरिका से संबंधों पर सवाल

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों पर 25% शुल्क लगाने के फैसले को देश की अर्थव्यवस्था के लिए घातक बताया है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी को जिम्मेदार ठहराया।

विदेश नीति पर सवाल:

  • तिवारी ने कहा कि ‘हाउडी मोदी’ और ‘नमस्ते ट्रंप’ जैसे कार्यक्रमों के बाद भी प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ‘सीजफायर’ के दावों पर चुप्पी साधे रहे, जिसका खामियाजा अब देश की अर्थव्यवस्था चुका रही है।
  • उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने अमेरिका में राष्ट्रपति बदलने के बाद भी महंगे तोहफे भेंट कर देश की स्थापित विदेश नीति को कमजोर किया है।
  • उन्होंने इंदिरा गांधी के कार्यकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय भारत ने कभी अमेरिकी दबाव को स्वीकार नहीं किया था।

संसद में पीएम की अनुपस्थिति पर नाराजगी: प्रमोद तिवारी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रधानमंत्री के राज्यसभा में जवाब न देने को ‘लोकतंत्र के लिए काला दिन’ बताया। उन्होंने कहा कि पीएम ने राज्यसभा की उपेक्षा कर संसदीय परंपराओं का अपमान किया है। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के ‘इनको तो हम ही निपटा देंगे’ बयान को भी आपत्तिजनक बताया और इसे लोकतांत्रिक संवाद के लिए अनुचित करार दिया।

प्रमोद तिवारी ने कहा कि मोदी सरकार की ‘अव्यवहारिक अर्थनीति’ और ‘अपरिपक्व विदेश नीति’ के कारण देश की साख को लगातार नुकसान हो रहा है। यह बयान उनके मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल के हवाले से जारी किया गया।

रिपोर्ट- उमेश पाण्डेय यूनाईटेड भारत प्रतापगढ़

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